गाजियाबाद के यूपी गेट पर कृषि कानून को वापस लिए जाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में करीब दाे महीने से किसान धरने ( kisan andolan ) पर बैठे हुए हैं। गुरुवार की शाम उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश दिए थे कि जल्द से जल्द यूपी गेट बॉर्डर को खाली कराया जाए। इसके लिए गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से बॉर्डर को खाली करने के निर्देश जारी कर दिए थे। डीएम अजय शंकर पांडे और एसएसपी कलानिधि नैथानी मौके पर पहुंचे थे और बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया था।
जब यहां से किसानाें काे हटाने की काेशिश की गई ताे राकेश टिकैत ने साफ कह दिया था कि वह किसी भी कीमत पर नहीं उठेंगे जान दे देंगे लेकिन धरना ( Farmer Protest ) खत्म नहीं करेंगे। इस दौरान राकेश टिकैत का ब्लड प्रेशर बढ़ गया था जिसके बाद उनका मेडिकल परीक्षण भी कराया गया था। इसी दौरान कुछ स्थानीय लोग भी किसानों के धरने का विरोध करने के लिए मौके पर पहुंच गए और बॉर्डर खाली करने की मांग की गई।
धरने पर बैठे किसानों का आरोप है कि जिन लोगों ने किसानों के धरने का विरोध किया और वह अपने आप को स्थानीय लोग बता रहे थे। वह सभी भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुनील शर्मा और नंदकिशोर गुर्जर के समर्थक थे जिन्होंने किसानों को धमकाया और उन्होंने गाली गलौज की साथ ही किसानों के टेंट भी ताेड़ दिए।
किसान इसी बात से आहत होकर शुक्रवार काे थाना कौशांबी पहुंचे और दोनों विधायकों के खिलाफ तहरीर दी। किसानाें ने पुलिस दाेनाें विधायकों के खिलाफ FIR दर्ज किए जाने और गिरफ्तारी किए जाने की मांग की। किसानों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती तो किसान थाने के बाहर ही धरने पर बैठने को मजबूर हाेंगे।