आज उन्होंने आयोजित एक कैंप में ग्रामीण लोगों को दिमागी बीमारी के प्रति जागरूक किया। वो अपनी मेडिकल वैन में गाँव की तंग गलियों में घूमी और दिमाग की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे निचले तबके के मरीजों का इलाज करने के साथ ही उनको दवाएं भी बांटी। डॉ. बिंदू मेनन कहती हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी सबसे बड़ी समस्या है। इसके समाधान को अपना लक्ष्य मानकर ही वो ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों तक पहुंचने के लिए 2013 में डॉ. बिंदू मेनन फाउंडेशन की नींव रखी।
‘न्यूरोलॉजी ऑन व्हील्स’ पहल की शुरुआत
2015 में ग्रामीण क्षेत्रों में रोगियों के इलाज के मिशन के साथ डॉ. बिंदू मेनन ने ‘न्यूरोलॉजी ऑन व्हील्स’ नामक पहल की शुरुआत की। जो एक छोटी वैन में चिकित्सा सेवाओं को गाँव के दूर-सुदूर क्षेत्र तक पहुँचाती है। जहाँ दिमाग की गंभीर बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करने के साथ उनका इलाज भी करती हैं। वो अब तक सैकड़ों गांव में रोगियों का मुफ्त इलाज कर चुकी हैं। न्यूरोलॉजी ऑन व्हील्स प्रोजेक्ट का ध्येय वाक्य ‘We reach, we teach, and we treat!’ हैं।
डॉ. बिंदू मेनन 200 से अधिक निशुल्क शिविर लगा चुकी हैं। जिसमें ब्रेन अटैक, माइग्रेन, तनाव, मिर्गी से पीड़ित मरीजों का उपचार किया गया है। डॉ मेनन बताती हैं कि हम गाँव-गाँव जाकर लोगों को समझाते है और फिर इलाज करते हैं।
मरीजों की मदद के लिए मोबाइल ऐप
डॉ बिंदू ने ‘स्ट्रोक हेल्प’ एवं ‘एपिलेप्सी हेल्प’ नामक मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किया हैं। जो मरीजों के लिए काफी मददगार साबित हो रही हैं। डॉ. बिंदू मेनन को न्यूरोलॉजी, शिक्षा, शोध व समाजहित मे किए गए कार्यों के लिए कई सम्मान और पुरस्कार से नवाज़ा जा चुका हैं।
डॉक्टर के रूप में एक सफल करियर का प्रबंधन करते हुए, मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर होने के साथ ही एक सामाजिक संस्था चलाना कोई छोटी बात नहीं है, लेकिन डॉ. मेनन इन सब को बहुत उत्साह और समर्पण के साथ करती हैं। डॉ मेनन जैसे डॉक्टर समाज के लिए प्रेरणा श्रोत हैं, जो बतौर डॉक्टर अपने प्रोफेसनल करिअर मे रहते हुए सामाजिक परोपकार के काम से जुड़ कर हजारों मरीजों को लाभ पहुंचा रहीं है।