गुरूवार को उनकी ट्रामा सेंटर से छुट्टी होनी थी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों ने घोर लापरवाही बरतते हुए उनके पैर की सर्जरी कर दी। जबकि सर्जरी विरेंद्र नामक दूसरे मरीज की होनी थी। आपको बता दें कि सुश्रुत ट्रामा सेंटर दिल्ली सरकार का है। पीड़ित के बेटे अंकित त्यागी ने बताया कि डॉक्टर गलती से विरेंद्र की जगह उनके पिता विजेंद्र को ले गए और उनके पैर का ऑपरेशन कर दिया। इस दौरान वहां मौजूद मां विमला को बाहर जाने को कहा। अंकित का कहना है कि उनके पिता को पैर में कोई चोट नहीं थी।
परिजनों ने शुक्रवार को मामले की सूचना सिविल लाइंस थाने को देकर काफी हंगामा किया। वहीं अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक अजय बहल ने ऐसे किसी मामले से साफ इनकार कर दिया। जानकारी के मुताबिक, वीरेंद्र नामक मरीज के पैर की सर्जरी होनी थी, लेकिन डॉक्टरों ने मंडोला निवासी विजेंद्र त्यागी की सर्जरी कर दी, जबकि उन्हें इसकी जरूरत नहीं थी।
सब कुछ इतनी जल्दी में हुआ कि विजेंद्र त्यागी डॉक्टरों को यह नहीं बता पाए कि उनके पैर की सर्जरी नहीं होनी है। उन्हें पहले पैर सुन्न करने का इंजेक्शन दिया गया, उसके बाद बेहोशी का। मामले की जानकारी मिलने के बाद डॉक्टर उसे दिलासा देते रहे। जानकारी के मुताबिक देर शाम को डॉक्टरों ने इस मामले में समझौता करने की भी कोशिश की।