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जानकारी के अनुसार बामसेफ की सक्रिय कार्यकर्ता और ज़िला अध्यक्ष 39 वर्षीय अमृत कौर अपने पूरे परिवार के साथ थाना सिहानी गेट इलाके की कॉलोनी की गली नंबर 1 में रहती हैं। अमृता कौर का कहना है कि उनके गली के पीछे खाली पड़े प्लॉट में कूड़ा डंप किया जाता है। वह घर की साफ-सफाई करने के बाद कूड़ा डालने के लिए घर के पीछे वाले पार्क में गई थी। इसी दौरान पहले से ही घात लगाए बैठे तीन युवक अपने मुंह पर रुमाल बांधा हुआ था । उन्होंने उनके ऊपर केमिकल जैसा तरल पदार्थ डाल दिया और मौके से फरार हो गए। अमृता कौर का कहना है कि वह कुछ समझ नहीं पाई कि आखिर यह क्या हुआ ? लेकिन जैसे ही वह अपने घर की तरफ लौटी तो घर पहुंचते ही उनका चेहरा और शरीर करीब 30 प्रतिशत झुलस गया मोटे मोटे छाले पड़ गए । इसके साथ ही उनके शरीर में बुरी तरह जलन होने लगी। इसके बाद उन्होंने आनन-फानन में स्थानीय पुलिस को सूचित किया। सूचना के आधार पर मौके पर पहुंची पुलिस ने झुलसी हुई हालत में उन्हें अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचाया और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए उनकी तलाश शुरू कर दी गई है।
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इस पूरे मामले में एसपी सिटी श्लोक कुमार का कहना है कि थाना सिहानी गेट इलाके में रहने वाली एक महिला के ऊपर तीन युवकों द्वारा तेजाब जैसा तरल पदार्थ डाले जाने की शिकायत दर्ज कराई गई है। इसके आधार पर मौके पर पहुंची पुलिस ने झुलसी हुई हालत में महिला को अस्पताल पहुंचाया और पीड़िता द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए उनकी तलाश शुरू कर दी है।
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गौरतलब है कि बामसेफ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछडा वर्ग और इन समुदायों के धर्मांतरित अल्पसंख्यकों के सरकारी कर्मचारियों का अखिल भारतीय संगठन है। यह संगठन भारत में व्याप्त गैरबराबरी को दूर कर बराबरी स्थापित करना चाहती है। इसकी स्थापना 1973 में बसपा के संस्थापक कांशीराम और डीके खरपडे ने की थी। कांशीराम ने दलितों को एकताबद्ध कर, अत्याचारों का प्रतिरोध करने तथा उन्हें समाज में न्यायोचित स्थान बनाने के लिये जोरदार ढंग से प्रेरित किया। आजकल यह संगठन ‘मूलनिवासी बहुजन संघ’ के नाम से जाना जाता है। बीच में कमजोर पड़ गई बामसेफ को बाबासाहब अंबेडकर के जन्म दिन 14 अप्रैल को सन् 1978 में पुनः सशक्त बनाने का प्रयास किया गया।
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बामसेफ के जिरए कांशीराम ने दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में दलित कर्मचारियों का संगठन मजबूत बनाया। इसके बाद 6 दिसम्बर को डीएस 4 की स्थापना की। कांशीराम ने नारा दिया ‘ठाकुर, ब्राह्मण, बनिया छोड़, बाकी सब हैं डी एस 4’। इसी क्रम में सन 1984 में बहुजन समाज पार्टी की स्थापना की गई।