नाबालिग आरोपी की मां समीना ने बताया कि वह अशोक विहार में रहते हैं। 15-20 दिन पहले उनका छोटा बेटा बड़े भाई इंतजार के साथ बेहटा हाजीपुर में कबाड़ी की दुकान पर काम करने गया था। वह दिन में काम करने के बाद रात को वहीं सोता था। एनकाउंटर के दो दिन बाद सोशल मीडिया पर फोटो देखा तो पता चला कि लोनी बॉर्डर पुलिस ने दोनों बेटों को एनकाउंटर में गोली मार दी है। उनका छोटा बेटा महज 16 साल का है, लेकिन पुलिस ने एनकाउंटर के बाद भी उन्हें कोई जानकारी नहीं दी। वहीं, एनकाउंटर की जांच कर रहे डीएसपी रजनीश उपाध्याय का कहना है कि नाबालिग को गोली लगने का मामला संज्ञान में है। पुलिस दस्तावेज के आधार पर जांच में जुटी है। जल्द ही जांच रिपोर्ट एसएसपी को सौंपी जाएगी।
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दो धर्मों के बालिग जोड़े की शादीशुदा जिंदगी में किसी को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट सातों को पैर में ही मारी गई गोली गौरतलब है कि 11 नवंबर की सुबह तत्कालीन लोनी बॉर्डर थाने के इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी ने बेहटा हाजीपुर में मुखबिर की सूचना पर प्रतिबंधित पशु काटने को लेकर छापा मारा था। इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी के अनुसार, पहले बदमाशों ने फायरिंग की, पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में 7 लोगों को पैर में गोली मार पकड़ लिया। सभी के पैर में एक ही स्थान पर गोली लगने का मामला मीडिया में आया तो एसएसपी ने संज्ञान लेते हुए इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी का तबादला इंदिरापुरम थाने में कर दिया। तबादले की खबर मिलते ही इंस्पेक्टर जीडी में कुछ दिन के लिए कार्यमुक्त करने की बात लिख दी। हालांकि भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने उनके तबादले का विरोध भी किया था।
एसएसपी ने बिठाई विभागीय जांच एनकाउंटर विवादों में घिरता देख एसएसपी ने विभागीय जांच बिठा दी है। साथ ही एनकाउंटर करने वाले इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी को निलंबित कर दिया गया। हालांकि निलंबन अनुशासनहीनता को लेकर किया गया है। एसएसपी का कहना है कि जीडी में गलत लिखने, गोपनीय दस्तावेज को वायरल करने और ड़यूटी से गैरहाजिर रहने पर इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी को निलंबित किया गया है।