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गाज़ियाबाद

छोटा हरिद्वार में स्नान के वक्त श्रद्धालुओं को डुबोकर मारने के मामले में एक पीड़ित आया सामने

पीड़ित के भाई की पिछले 15 जून को डूबकर हो गई थी मौत, पर नहीं मिला शव

गाज़ियाबादJul 14, 2018 / 02:12 pm

Iftekhar

Chhota Haridwar

छोटा हरिद्वार में स्नान के वक्त श्रद्धालुओं को डुबोकर मारने के मामले में एक पीड़ित आया सामने

गाजियाबाद. मुरादनगर में छोटा हरिद्वार के नाम से विख्यात किए गए गंगनहर पर बने मंदिर के पास स्नान करते वक्त गोताखोरों की ओर से लोगों को डुबोने के मामले में पहला शिकायतकर्ता सामने आया है । यह शिकायतकर्ता लोनी का रहने वाला है। दीपक नाम के इस शिकायतकर्ता का आरोप है कि 15 जून को उसका भाई नहर पर नहाने के लिए गया था और वही वह डूब गया। पत्रिका से बातचीत में उन्होंने बताया कि भाई के डूबने के बाद गोताखोरों ने 1000 रुपए की डिमांड की थी। लेकिन काफी तलाश के बाद भी उनके भाई अरविंद का शव नहीं मिला। मामले में पुलिस चौकी पर भी शिकायत करने की कोशिश की गई, लेकिन शिकायत दर्ज नहीं हो पाई । अब जब इस मामले को लेकर विवाद बढ़ा है तो यह शिकायतकर्ता सामने आया है। हालांकि, गाजियाबाद एसएसपी ने पूरे मामले में जांच की बात कही है।

 

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गौरतलब है कि गाजियाबाद के लोनी इलाके के बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने मुरादनगर में गंगनहर पर स्थित छोटा हरिद्वार मंदिर परिसर के पास बहने वाली गंग नहर में स्नान के लिए जाने वाले लोगों को डुबोकर हत्या का आरोप लगाया था। उन्होंने मंदिर के पुजारी और निजी गोताखोरों पर यह आरोप एक लेटर के जरिए लगाया गया था। उनकी शिकायत के बाद SSP गाजियाबाद इस मामले की जांच कर रहे हैं। लेकिन, जिस दिन से यह लेटर वायरल हुआ है, उस दिन से लेकर अब तक मामले में कई विवाद खड़े हो चुके हैं । हालांकि, एसएसपी ने यह कहा था कि अभी तक मामले में कोई शिकायतकर्ता सामने नहीं आया है। अब देखना यह होगा कि शिकायतकर्ता के सामने आने के बाद जांच क्या रूप लेती है।

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भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा था कि उनकी विधानसभा सीट लोनी से कई परिवारों के लोगों की यहां डूबने से मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि एक परिवार के मुताबिक, वहां के गोताखोर उन लोगों पर नजर रखते हैं, जो जेवर पहनकर नहर में स्नान कर रहे होते हैं। इसके बाद ये गोताखोर नहाते समय उनका पैर पकड़कर नीचे खींच लेते हैं और डूबने से जब उनकी मौत हो जाती है, तो उनके शव को नीचे पत्थर में बंधी रस्सी से बांध देते हैं, ताकि वह ऊपर नहीं आ सके। शव नहीं मिलने के बाद जब परिजन मिन्नतें करने लगते हैं तब ये लोग मोटी रकम लेने के बाद उनके शव को नीचे से निकालते हैं। एक ऐसी ही घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि पिछले दिनों एक लड़की गंगनगर में नहा रही थी। थोड़ी देर बाद वह चिल्लाने लगी कि कोई उसका पैर पकड़कर नीचे खींच रहा है, लेकिन तेजी से झकझोरने पर वह छूट गई। बाद में उसने देखा कि उसके गले की चेन भी गायब है। ऐसी ही शिकायतों को देखते हुए विधायक नंदकिशोर कहते हैं कि कुछ दिनों में लोगों के यहां अचानक डूबने की घटना तेजी से बढ़ी है। इससे मेरे मन में भी संदेह बढ़ा, जिसके बाद मैंने इस संबंध में एक पत्र जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी को लिखा था कि वह पूरे मामले की जांच कराएं। मेरे पत्र को संज्ञान में लेकर जिलाधिकारी ने मोदी नगर के एसडीएम को जांच सौंप दी है।

 

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मंदिर और स्थान की पवित्रता पर भी सवाल
भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने इस मंदिर पर न सिर्फ सवाल उठाया है, बल्कि दावा किया है कि यहां नहाने वाले लोगों को गोताखोर जबरदस्ती नहर में डूबो देते हैं। “पत्रिका” से खास बातचीत में विधायक ने कहा था कि बीते एक महीने में करीब एक दर्जन लोगों को इस नहर मेंं डूबोकर मार दिया गया। गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने छोटा हरिद्वार मंदिर को अवैध बताया है। उन्होंने दावा किया कि इस जगह को गलत तरीके से कुछ लोग हरिद्वार के समकक्ष तीर्थ स्थल के रूप में प्रचारित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह तो नहर है और नहर को हरिद्वार के रूप में प्रचारित करना लोगों की आस्था से खिलवाड़ करना है। विधायक के अनुसार, कुछ श्रद्धालु गंगा जल के भ्रम में यहां अपने पूर्वजों की अस्थियों का भी विसर्जन कर रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। यह गंगा नदी नहीं बल्कि, एक नहर है। इस नहर में हर 8 दिन में पानी खत्म हो जाता है। वहां हरिद्वार कैसे हो सकता है। सिर्फ गंगा नदी के पानी में ही वह ताकत है, जो कई वर्षों तक भी गंगा खराब नहीं होता।

कमाई का जरिया बनाया गया इसे
विधायक ने आरोप लगाया था कि कुछ लोगों ने छोटा हरिद्वार को कमार्ई का जरिया बना लिया है। पहले इस जगह को हरिद्वार के समकक्ष तीर्थ स्थल के रूप में प्रचारित किया और बाद में श्रद्वालुओं से मनमाने तरीके से धन वसूलने लगे। उन्होंने कहा कि यहां नहाना भी खतरनाक है, क्योंकि यहा पर कोई घाट विकसित नहीं किया गया है। यहां पानी की गहराई भी करीब 15 फुट है, जिससे डूबने का खतरा बढ़ जाता है। प्रशासन को चाहिए कि यहां बोर्ड लगवाकर नहाने पर तुरंत रोक लगाए। बीते एक महीने में एक दर्जन लोग डूब चुके हैं।

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