मलेरिया और वन विभाग को मिली जिम्मेदारी इस काम को करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया विभाग और वन विभाग के कर्मचारियों को लगाया है। इसकी मॉनिटरिंग प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा की जाएगी। इसके लिए बाकायदा जिला प्रशासन ने इस अभियान को चलाने वाले कर्मचारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी है।
टॉप 10 में है जिला गाजियाबाद सरकारी आंकड़ों के मुताबिक डेंगू प्रभावित प्रदेश के 10 मुख्य जिलों में गाजियाबाद का नाम दी शामिल हो गया है। हालांकि इस मामले में पहले नंबर पर फिरोजाबाद, दूसरे नंबर पर मेरठ, जबकि तीसरे नंबर पर कन्नौज और चौथे नंबर पर मथुरा, पांचवें पर लखनऊ और छठे स्थान पर गाजियाबाद आया है। इसलिए अब जिला प्रशासन इसे लेकर बेहद गंभीर है।
डेंगू और मलेरिया को लेकर प्रशासन अलर्ट गाजियाबाद के जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए 18 अक्टूबर से 17 नवंबर तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाने और 11 अक्टूबर तक माइक्रो प्लान बनाने के निर्देश जारी किया है। वहीं गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भवतोष शंकर ने भी तत्काल प्रभाव से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। इतना ही नहीं इस दौरान चलने वाले अभियान के तहत कर्मचारी और अधिकारियों के अवकाश पर भी रोक लगा दी गई है।
मरीजों के लिए नंबर जारी उधर, स्वास्थ्य विभाग ने बुखार से पीड़ित मरीजों के लिए विशेष शुरुआत की है। इसके लिए बाकायदा फोन नंबर जारी किए गए हैं। जिनमें 8090002018, इस नंबर पर जरा सर्विलांस अधिकारी डॉ. आर के गुप्ता और 9810354002 पर जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. ज्ञानेंद्र मिश्रा से संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा 995873 0038 नंबर पर जिला एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ. अनुराग भार्गव से संपर्क किया जा सकता है।
सतर्कता और सावधानी जरुरी इस पूरे मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर भवतोष शंखधर ने बताया कि 20 नवंबर तक सभी को बेहद सावधानी बरतनी होगी। मलेरिया और डेंगू से बचाव के लिए सतर्कता और सावधानी ही बेहतर उपाय है। क्योंकि अभी तक 393 केस गाजियाबाद में मिले हैं। इनमें से 25 बाहरी जिले के भी शामिल है। सभी का उपचार जारी है, लेकिन इसे बढ़ने से रोकने के लिए आम जनमानस का सहयोग भी बेहद जरूरी है।