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ट्विन टावर के पिलरों में विस्फोटक लगाने का काम पूरा, अब ब्लास्ट का इंतजार सर्किल रेट में 15 से 20% की बढ़ोतरी नए सर्किल रेट के मुताबिक, शहर में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे और दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट के किनारे वाली जमीन सबसे महंगी हुई है। यहां सर्किल रेट में 15 से 20% की बढ़ोतरी की गई है। वहीं नेशलन हाईवे-9 के करीब नौ गांव और सोसाइटियों में प्रॉपर्टी के दाम बढ़ जाएंगे। डीएमई के किनारे वेब सिटी है, यहां भी सर्किल रेट बढ़ा है। कौशांबी एरिया में फ्लैट कल्चर सिस्टम है। इसके बावजूद यहां रहना सबसे महंगा हो गया है। इसकी वजह ये है कि कौशांबी एरिया दिल्ली और नोएडा से एकदम सटा हुआ है। इसलिए लोग मिड पॉइंट में रहना ज्यादा पसंद करते हैं, ताकि जरूरत के हिसाब से कहीं भी मूव कर सकें।
सोसाइटीज में 10% तक अतिरिक्त रेट इसके अलावा नंदा टॉवर, त्रिशूल टॉवर, कामदगिरि, विंध्याचल, गंगोत्री, कंचनजंगा, सुमेरू टॉवर, एज्योर शिप्रा, साईं हेरिटेज, सिक्का क्लासिक होम्स समेत अन्य सभी टॉवरों में सर्किल रेट 64 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर हो गया है। इंदिरापुरम क्षेत्र के नीतिखंड, शक्तिखंड, ज्ञानखंड, वैभवखंड, अहिंसाखंड, न्याय खंड में सर्किल रेट 58 हजार रुपए वर्गमीटर हो गया है। वसुंधरा में सेक्टर-1 से 19 तक जमीन का सर्किल रेट 52 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर पहुंच गया है, वहीं सोसाइटीज में 10% तक अतिरिक्त होगा।
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Good News: बरेली से लखनऊ के लिए सीधी फ्लाइट आज से शुरू, जानें किराया 2016 के बाद से अब सर्किल रेट में बढ़ोतरी गाजियाबाद के अपर जिलाधिकारी विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि साल-2016 के बाद से जिला प्रशासन ने अब सर्किल रेट में बढ़ोतरी की है। उन्होंने बताया कि पिछले दो सालों में कोरोना की वजह से सर्किल रेट नहीं बढ़े। इन छह सालों में गाजियाबाद में एक्सप्रेस-वे, रैपिड रेल जैसे कई नए प्रोजेक्ट बने। ऐसे में प्रॉपर्टी में बूम आया। इसलिए इन दोनों प्रोजेक्ट के किनारे वाली जमीनों का सर्किल रेट ज्यादा बढ़ाया गया है।