बता दें कि पहला मामला 21 जून 2019 का है। अधिवक्ता जयवीर सिंह ने बताया कि गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी। पुलिस रिपोर्ट में बताया गया था कि भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर अपने साथियों के साथ कई वाहनों में सवार होकर 21 जून 2019 को गाजियाबाद के कनावनी गांव आ रहे थे। पुलिस ने उन्हें कनावनी गांव की पुलिया के नजदीक रोकने की कोशिश की तो उन्होंने अपने वाहन गलत तरीके से लगाते हुए मार्ग बाधित कर दिया। चंद्रशेखर जुमे की नमाज के बाद समुदाय विशेष के लोगों से मिलने आए थे। इस मामले में पुलिस ने गुलजार और दीपक समेत 20 लोगों के पर केस दर्ज किया था। इसके बाद जांच अधिकारी सुचिता चौधरी ने एक गवाह के बयान को आधार बनाते हुए चंद्रशेखर के खिलाफ कोर्ट से बी वारंट जारी कराया था। बी वारंट को लेकर शुक्रवार को चंद्रशेखर को एसीजेएम प्रथम की अदालत में पेश किया गया। जहां चंद्रशेखर के अधिवक्ता ने जमानत के लिए अर्जी दाखिल की। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद चंद्रशेखर की जमानत स्वीकार कर ली।
वहीं, दूसरा मामला 15 नवंबर 2018 का है। बता दें कि 15 नवंबर 2018 को चंद्रशेखर गाजियाबाद के साहिबाबाद थाना क्षेत्र स्थित वृंदा गार्डन में अपने परिचित के यहां एक सगाई समारोह में पहुंचे थे। इसी बीच एक व्यक्ति धर्मेंद्र ने चंद्रशेखर से पूछा कि आपको हथियारबंद लोगों जरूरत क्यों है। यह सुनते ही चंद्रशेखर के साथ आए एक युवक ने धर्मेंद्र को थप्पड़ जड़ दिया। पीड़ित धर्मेंद्र ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। धर्मेंद्र ने इस केस में चंद्रशेखर समेत अन्य को आरोपी बनाया था। एसीजेएम की अदालत में इस मामले को लेकर भी जमानत अर्जी दाखिल की गई, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।