यह भी पढ़ेंं: BJP चेयरपर्सन बोलीं- भाजपा विधायक ने ही किसानों को उकसाया, पंचायत में बहिस्कार का ऐलान दरअसल, गाजियाबाद जिलाधिकारी द्वारा दो दिन पहले धारा 133 और 144 सीआरपीसी के तहत किसानों को बॉर्डर से हटाने के निर्देश जारी किए थे। इस पर वकीलों का कहना है कि गाजीपुर बार्डर पर किसानों का आंदोलन शांतिपूर्वक चल रहा था और इस बीच जिलाधिकारी ने जबरन किसानों को हटाने के निर्देश दे दिए। यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है।
यह भी देखें: सरकार को हिलाने के लिए जुटेंगे किसान- पुलिस के पुख्ता इंतेजाम गाजियाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नाहर सिंह यादव ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट कहना है कि अगर कोई शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करता है तो उसे रोका नहीं जा सकता। लेकिन जिलाधिकारी द्वारा निर्देश जारी करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों को जबरन हटाना कोर्ट की अवमानना है। जिसे अदालत में चुनौती दी गई है। मामले में सुनवाई होने के बाद आगे की रणनीति तैयार करेंगे।