scriptGariaband: जज्बे को सलाम! B.Ed की छात्रा व पिता को बस ने कुचला, चेहरे व पैर में आए चार टांके, फिर भी परीक्षा देने पहुंची सेंटर | Gariaband: B.Ed student and her father crushed by a bus | Patrika News
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Gariaband: जज्बे को सलाम! B.Ed की छात्रा व पिता को बस ने कुचला, चेहरे व पैर में आए चार टांके, फिर भी परीक्षा देने पहुंची सेंटर

Gariaband: प्री-डीएलएड और प्री-बीएड की परीक्षा दिलाने गरियाबंद आ रही बिटिया को बस ने ठोंकर मार दी। आंख, चेहरे और पैर में बुरी तरह चोट आई।

गरियाबंदJul 02, 2024 / 07:47 am

Khyati Parihar

Gariaband: प्री-डीएलएड और प्री-बीएड की परीक्षा दिलाने गरियाबंद आ रही बिटिया को बस ने ठोंकर मार दी। आंख, चेहरे और पैर में बुरी तरह चोट आई। कुछ लोगों ने अस्पताल पहुंचाया। लहूलुहान पैर को देखकर डॉक्टरों ने बताया कि टांका लगाना पड़ेगा। फौरन इलाज शुरू हुआ। चेहरे और पैर में 4 टांके लगते तक 9.50 बज चुके थे। परीक्षा 10 बजे से शुरू होनी थी। अब केवल 10 मिनट ही बाकी थे। बिटिया ने परीक्षा दिलाने की बात कही।
उसकी स्थिति देखते हुए एक दफा तो उसकी बात सुनकर सभी ठिठक गए। लेकिन, उसकी जिद्द के आगे किसी की एक न चली। मौके पर मौजूद पुलिसवालों ने उसे कन्या शाला स्थित एग्जाम सेंटर तक पहुंचाया। जब वह यहां पहुंची, तो उसके पैर में चप्पल तक नहीं थे।
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एग्जाम हॉल में भी उसे देखकर हर कोई दंग था। लाख मुसीबतों को सहते हुए भी बिटिया ने पूरी परीक्षा दिलाई। उसके इस हौसले की चर्चा चारों ओर फैल गई। हो भी क्यों न, शिक्षा के लिए ऐसी ललक भला हर किसी में कहां देखने मिलती है! मिली जानकारी के अनुसार, राजिम के पास कौंदकेरा गांव की छात्रा नेहा सेन पहली पाली में प्री-डीएड और दूसरी पाली में प्री-बीएड की परीक्षा दिलाने के लिए अपने पिता योगेश्वर सेन के साथ गरियाबंद आने के लिए निकली थी। दोनों परीक्षा 3 घंटे के अंतराल में होनी थी।
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गरियाबंद से करीब 12 किमी पहले बारूका के पास शारदा बस क्रमांक सीजी 23 एच 1541 ने उनकी बाइक को पीछे से ठोंकर मार दी। एक्सीडेंट के बाद बस ड्राइवर मौके से फरार हो गया। बताया जा रहा है कि बस मैनपुर की ओर गई। मामले में पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज करने की बात सामने आ रही है।
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Gariaband: बिटिया एग्जाम दिला रही थी, पिता का इलाज चल रहा था

बताते हैं कि घटना में नेहा के पिता योगेश्वर का पैर बुरी तरह फ्रैक्चर हो गया है। नेहा की जिद्द पर पुलिसवालों ने उसे पीसीआर गाड़ी में बिठाकर एग्जाम सेंटर कन्या शाला तक पहुंचाया। बिटिया जब एग्जाम दिला रही थी, तब बुरी तरह घायल पिता का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा था। यानी उसने शारीरिक के साथ मानसिक पीड़ा सहते हुए भी परीक्षा दिलाई। यही वजह है कि उसके जज्बे की चहुंओर चर्चा है।
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Gariaband: गरियाबंद के समाजसेवी पिताबेटी की मदद को आगे आए

बारूका के पास जब यह हादसा हुआ, तब आशीष शर्मा, प्रशांत मानिकपुरी और सुनील यादव गरियाबंद से रायपुर की ओर जा रहे थे। दर्दनाक हादसे को देखकर वे मौके पर रूके। पिता-बेटी को अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 को बुलाया। उन्हीं की मदद से जिला अस्पताल में तत्काल दोनों के इलाज का इंतजाम भी करवाया गया। इधर, पुलिसवालों का कहना है कि मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

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