ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी की एक प्लेन क्रैश में मौत हो गई है। इस खबर के आने के बाद दुनिया भर के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। रायसी की मौत ने खेल जगह के उस बड़े हादसे की यादें ताज़ा कर दी हैं, जो 1958 में म्यूनिख में हुआ था। 6 फरवरी, 1958 को इंग्लिश फुटबॉल क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड के खिलाड़ियों से भरा एक प्लेन क्रैश हो गया था। इस हादसे में मैनचेस्टर युनाइटेड की ऐतिहासिक ‘बस्बी बेब्स’ टीम के आठ खिलाड़ियों की जान चली गई थी
इस हादसे में खिलाड़ियों के साथ – साथ आठ फुटबॉल जर्नलिस्ट, प्लेन के क्रू से दो लोग, एक फुटबॉल फैन और एक ट्रैवल एजेंट समेत 23 लोग मारे गए थे। दुनिया इस हादसे को म्यूनिख प्लेन क्रैश के नाम से जानती है। म्यूनिख ओलंपिक पर हुए आतंकी हमले से पहले यह प्लेन क्रौश म्यूनिख के खेल इतिहास की सबसे दर्दनाक घटना थी।
6 फरवरी, 1958 को मैनचेस्टर यूनाइटेड ने यूरोपियन कप के सेमीफाइनल में जोरदार प्रदर्शन करते हुए रेड स्टार बेलग्राडन को हरा दिया। यूगोस्लाविया की राजधानी बेलग्रेड में खेले गए इस मुक़ाबले के बाद टीम मैनेजमेंट जल्द से जल्द मैनचेस्टर पहुंचना चाहता था। ऐसे में सभी अपना सामान लेकर एक चार्टर्ड प्लेन में बैठ गए। इस यात्रा में उनके साथ कुछ फुटबॉल पत्रकार और मैनचेस्टर के फैन भी आए। टीम के खिलाड़ी जॉन बेरी का पासपोर्ट एयरपोर्ट पर खो गया, तो प्लेन एक घंटे की देरी से उड़ा।
मैनचेस्टर यूनाइटेड जिस प्लेन में सफर कर रही थी वह ब्रिटिश यूरोपियन एयरलाइन्स का एयरस्पीड एमबैसडर 2 था। यह प्लेन बेलग्राड से मैनचेस्टर तक की दूरी एक बार में तय नहीं कर सकता था। इसलिए 1.15 मिनट पर इसे म्यूनिख में ईंधन लेने के लिए उतारा गया। ईंधन भरने के बाद प्लेन ने टेक ऑफ की कोशिश की। लेकिन म्यूनिख में उन दिनों जमकर बर्फबारी हो रही थी। ऐसे में रनवे पर ज्यादा वर्फ होने की वजह से प्लेन को टेक ऑफ में दिक्कत आ रही थी। दो बार प्लेन ने टेक ऑफ की कोशिश की लेकिन असफल रहा और तेज बर्फबारी होने लगी। रनवे पर बर्फ इतनी ज्यादा थी की प्लेन उस गति तक नहीं पहुंच पा रहा था जहां से वह टेक ऑफ कर सके।
लेकिन प्लेन के क्रू ने एक बार फिर उड़ान भरने की कोशिश करने का मन बनाया। प्लेन के दोनों पायलट एयरफोर्स से थे और उन्हें उनकी ट्रेनिंग पर पूरा भरोसा था। दोपहर 3.03 मिनट प्लेन ने तीसरे टेक ऑफ की कोशिश की। म्यूनिख एयरपोर्ट के बर्फ से ढंके रनवे पर एयरस्पीड एमबैसडर 2 ने दौड़ना शुरू किया। लेकिन उसे एक बार फिर इतनी गति नहीं मिल पाई की वह टेक ऑफ कर सके। पूरे एक मिनट तक रनवे पर दौड़ने के बावजूद प्लेन हवा में नहीं उठा और लगभग दो किलोमीटर लंबा रनवे खत्म हो गया।
3.04 मिनट पर प्लेन एयरपोर्ट की फेंस तोड़कर एक घर से टकरा गया और उसमें धमाका हो गया। इस धमाके से प्लेन में बैठे 23 लोगों की जान चली गई। 20 लोगों ने स्पॉट पर ही दम तोड़ दिया। वहीं तीन को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। जिन्होंने 15 दिन के बाद दम तोड़ दिया। हादसे में बस्बी बेब्स का हिस्सा रहे आठ खिलाड़ियों – रॉजर बायर्न, एडी कॉलमैन, मार्क जोन्स, डंकन एडवर्ड्स, बिली व्हीलन, टॉमी टेलर, डेविड पेग और जॉफ बेंट की मौत हो गई। दो और खिलाड़ी इस कदर ज़ख्मी हुए कि उन्होंने खेलना छोड़ दिया।
मैनचेस्टर यूनाइटेड के ओल्ड टैफ्रॉर्ड मैदान के ‘के स्टैंड’ के एक कोने पर एक घड़ी 1960 से लगी हुई है। इस हादसे की हर वर्षी पर इसे दोपहर 3 बजकर 4 मिनट पर कुछ देर के लिए रोक दिया जाता है।
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