फिरोजाबाद टीटीजेड के अंतर्गत आता है। इसके चलते यहां प्रदूषण को रोकने के लिए नए उद्योग और क्षमता विस्तार पर रोक लगी हुई है। इसके चलते कांच उद्योग का विकास तेजी से नहीं हो पाप रहा है। सरकार के इस बजट से उम्मीदें थीं कि कांच उद्योग को पंख लगेंगे और जीएसटी की रेट कम होने के बाद व्यापार में तेजी आ सकेगी।
फिरोजाबाद के उद्यमी व द ग्लास इंडस्ट्रियल सिडीकेट के डायरेक्टर हनुमान प्रसाद गर्ग बताते हैं कि सरकार ने अपने बजट में कांच उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कोई काम नहीं किया गया। नैचुरल गैस पर भी कोई छूट नहीं दी गई। उद्यमी हेमंत अग्रवाल बल्लू का कहना है कि कांच उद्योग के लिए केन्द्र सरकार का बजट पूरी तरह निराशाजनक है। उद्यमी किसी तरह उद्योग को बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं लेकिन सरकार के बजट से कांच उद्योग को निराश कर दिया। अभिषेक मित्तल चंचल कहते हैं कि सरकार के बजट से ऐसी उम्मीदें बिल्कुल नहीं थीं।