दोपहर करीब एक बजे आॅटो चालक एकत्रित होकर डीटीएम कार्यालय पहुंचे। जहां डीटीएम के न मिलने पर हंगामा किया। कुछ देर बाद सभी आॅटो चालक एकत्रित होकर आरपीएफ कंपनी कमांडर मोहम्मद सालिक के आवास पर पहुंचे। जहां आॅटो चालकों ने हड़ताल कर प्रदर्शन किया। आॅटो चालकों ने बताया कि वह सुभाष चैराहा से रेलवे स्टेशन तक सवारियों को लाने ले जाने का काम करते हैं। कुछ दिन पहले आरपीएफ ने आॅटो चालकों को बंद कर दिया था और उनकी पिटाई कर दी थी।
उसके बाद आरपीएफ ने ही आॅटो खड़े करने की जगह निर्धारित कर दी थी। अब हम सभी निर्धारित जगह पर आॅटो खड़े कर रहे हैं। इसके बाद भी आरपीएफ द्वारा उनका चालान किया जा रहा है और उन्हें जेल में बंद कर परेशान किया जा रहा है। वह गरीब हैं और आॅटो चलाकर ही परिवार का भरण पोषण करते हैं। चालकों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो मजबूरन उन्हें हड़ताल पर रहकर उग्र आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा। इसकी जिम्मेदारी रेल अधिकारियों की होगी। इस मामले में आरपीएफ कंपनी कमांडर का कहना है कि आॅटो चालकों की जो भी समस्याएं हैं। उन्हें सुनकर दूर किया जाएगा।