RBI को दिया आखिरी मौका
इसके साथ ही देश की सबसे बड़ी अदालत ने RBI को आखिरी मौका देते हुए चेतावनी दी कि यदि आगे आदेश का उल्लंघन हुआ तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा और अवमानना की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और सरकार की ओर से यह सिर्फ आखिरी मौका है। इसके बाद किसी भी तरह की लापरवाही नहीं देखी जाएगी।
देनी होगी सभी जानकारियां
सुप्रीम कोर्ट ने RBI से RTI के तहत बैंकों की वार्षिक निरीक्षण रिपोर्ट के बारे में जानकारी देने को कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि जब तक उन्हें कानून के तहत इससे छूट ना मिल जाए तब तक उनको सभी जानकारियां साझां करनी होगी।
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नियमों का पालन करें
जस्टिस एल नागेश्वर राव की पीठ ने आरबीआई से यह भी कहा कि वह आरटीआई कानून के तहत सूचना देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। इसके साथ ही RBI की नॉन-डिस्क्लोजर पॉलिसी उसके 2015 के फैसले का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि हमें नियमों में पारदर्शिता चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि अगर भविष्य में इसका उल्लंघन होता है तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा।
रिपोर्ट की प्रतियां हैं शामिल
RTI एक्ट के तहत आप अपने बैंकों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। दिसंबर 2015 में, आरटीआई अधिनियम के तहत याचिकाकर्ता ने कुछ जानकारी मांगी थी, जिसमें अप्रैल 2011 से दिसंबर 2015 तक आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और भारतीय स्टेट बैंक के निरीक्षण रिपोर्ट की प्रतियां शामिल थीं।
गिरीश मित्तल ने दी जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता गिरीश मित्तल और सुभाष चंद्र अग्रवाल ने आरटीआई अधिनियम के तहत जानकारी का खुलासा करने के लिए शीर्ष अदालत के निर्देश का पालन नहीं करने के लिए आरबीआई के खिलाफ अवमानना कार्रवाई के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था।
केंद्रीय बैंक ने दी जानकारी सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई को अंतिम अवसर दिया है कि वह आरटीआई कार्यकर्ताओं द्वारा मांगी गई जानकारियों जो बैंकों की सालाना जांच रिपोर्ट और अन्य मुद्दों से जुड़ी हैं, उस पर अपने फैसले पर फिर से विचार करे। इस साल जनवरी में सर्वोच्च न्यायालय ने आरटीआई के तहत बैंकों की सालाना जांच रिपोर्ट का खुलासा न करने को लेकर आरबीआई को कंटेम्ट नोटिस जारी किया था। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने जानकारी देते हुए कहा कि ऐसी जानकारी को आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (1) (ई) और भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 45NB के तहत छूट दी गई थी।