डेविड मल्पास ने दी जानकारी
डेविड मल्पास ने जानकारी देते हुए बताया कि अंशुला कांत फाइनेंसियल और रिस्क मैनेजमेंट की जिम्मेदारी संभालेंगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए खुशी की बात है कि अंशुला कांत के रूप में हमें एक ऐसी भारतीय महिला मिली हैं जो बैंकिंग क्षेत्र की अच्छी जानकारी रखती हैं और इसका फायदा न केवल बैंक को होगा बल्कि दुनिया के दूसरे मुल्कों को भी होगा।
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35 वर्ष का अनुभव है अंशुला कांत को
आपको बता दें कि अंशुला कांत को वित्त और बैंकिंग सेक्टर में 35 वर्ष का लंबा अनुभव है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को सीएफओ के तौर पर उन्होंने बेहतर योगदान दिया है। यही नहीं बैंकिंग सेवा में उन्हें तकनीक के बेहतर इस्तेमाल के लिए भी जाना जाता है। बता दें कि अंशुला कांत ने लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमन से इकोनॉमिक ऑनर्स में ग्रेजुएट की हैं और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में पोस्ट-ग्रेजुएट हैं।
साल 1983 में शुरू की थी नौकरी
उन्होंने साल 1983 में प्रोबेशनरी ऑफिसर ( PO ) के रूप में SBI में अपनी सेवाएं देना शुरू किया था। उन्होंने बैंक के विभिन्न विभागों में काम किया है और बैंक की रैंकिंग को आगे बढ़ाया है। भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंध निदेशक के रूप में उन्होंने बैंक की तनावग्रस्त परिसंपत्तियों और जोखिम में भी कार्यों को अच्छे से संभाला है।
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2018 से बोर्ड की सदस्य हैं
एसबीआई के सीएफओ के रूप में, कांत ने 38 बिलियन अमरीकी डॉलर का राजस्व और 500 बिलियन अमरीकी डॉलर की कुल संपत्ति का प्रबंधन किया। विश्व बैंक ने कहा कि वह सितंबर 2018 से प्रबंध निदेशक और बोर्ड की सदस्य हैं।
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