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जब बगैर दूल्हा पहुंच गई बारात और जीमने लगे बाराती, पूरे शहर में इस बारात की रही चर्चा जांच के बाद दर्ज हुआ था मामला दीपक कुमावत की दसवीं कक्षा की अंक तालिका में जन्म तिथि 10 दिसम्बर,1997 है, लेकिन टीकूराम ने दीपक के आठवीं कक्षा के प्रगति पत्र में कांट-छांटकर जन्म तिथि 10 दिसम्बर,1995 कर ली। इसके बाद रघुनाथगढ़ ग्राम पंचायत से इस वर्ष 11 मार्च को गलत जन्म प्रमाण-पत्र बनवा लिया। यह कार्य उसने दीपक की एक युवती से शादी के लिए किया। बाद में दीपक व युवती को बालिग बताकर आर्य समाज में विवाह करवा दिया। युवती के पिता को जब इसकी जानकारी हुई तो उसने ग्राम पंचायत में इसकी शिकायत की। बाद में सीकर तहसीलदार ने मामले की जांच करवाई तो परतें खुल गई। जांच अधिकारी ने प्रगति पत्र को जाली मानकर दस्तावेजों को निरस्त करने की अनुसंशा की। इस पर युवती के पिता ने शहर कोतवाली में आरोपितों के खिलाफ इस्तगासे के माध्यम से मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। परिवादी के अधिवक्ता अंगद कुमार तिवाड़ी ने बताया कि न्यायालय ने आरोपितों का जमानत आवेदन खारिज कर दिया है।