SBI ने बताया क्यों आपके अकाउंट से काटे जाते हैं पैसे
आईआईटी बॉम्बे ने अपने एक अध्ययन में कहा था कि एसबीआई और कई अन्य बैंक शून्य बैलेंस खातों को प्रदान की गई कुछ सेवाओं पर अत्यधिक शुल्क लगा रहे हैं। इसके जवाब में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपना पक्ष रखा है।
नई दिल्ली। बैंकों द्वारा दी जाने वाली कई सुविधाओं के नाम पर अक्सर अकाउंट से पैसे काटे जाने की शिकायतें सामने आती रही हैं। इस सिलसिले में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने गुरुवार को एक स्पष्टीकरण जारी किया। एसबीआई ने उन रिपोर्टों की ओर इशारा किया जिसमें कहा गया था कि कई अन्य के साथ स्टेट बैंक शून्य-शेष खातों (जीरो-बैलेंस अकाउंट) या बुनियादी बचत जमा खातों (BSBDA) के साथ प्रदान की गई कुछ सेवाओं पर ‘अत्यधिक शुल्क’ लगा रहा है।
अगस्त 2012 के भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले के अनुसार, बीएसबीडी खातों में चार मुफ्त लेनदेन से ऊपर शुल्क लगाने के लिए बैंक आजाद हैं। इसे एक कारण के रूप में बताते हुए एसबीआई ने कहा, “इस तरह की अतिरिक्त सेवाओं का फायदा लेने का विकल्प ग्राहकों पर होगा। इसी क्रम में एसबीआई ने 15 जून 2016 से ग्राहकों को पूर्व सूचना देने के साथ बीएसबीडी खातों में चार मुफ्त लेनदेन से ऊपर डेबिट लेनदेन के लिए शुल्क लागू किया।”
पिछले वर्ष अगस्त में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बैंकों को डिजिटल मोड का उपयोग करके किए गए लेन-देन पर 01 जनवरी 2020 या इसके बाद में वसूल किए गए शुल्कों को वापस करने की सलाह दी और भविष्य में किए गए लेन-देन पर शुल्क ना लगाने के लिए कहा था।
CBDT के निर्देशों का पालन करते हुए SBI ने BSBD ग्राहकों को 01 जनवरी 2020 से लेकर 14 सितंबर 2020 तक के सभी डिजिटल लेनदेन के संबंध में वसूले गए शुल्क को वापस कर दिया।
SBI ने 15 सितंबर 2020 से सभी डिजिटल लेनदेन पर ऐसे खातों में शुल्क वसूलना बंद कर दिया है, जबकि प्रति माह मान्य चार से अधिक मुफ्त निकासी के बाद नगद निकासी पर चार्ज वसूलना बरकरार रखा है।
एसबीआई के मुताबिक इसका उद्देश्य बीएसबीडी खाताधारकों सहित पीएमजेडीवाई खाताधारकों को नगद लेनदेन की बजाय निर्धारित मोड के माध्यम से डिजिटल भुगतान को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने कहा है कि उनका हमेशा से लक्ष्य ग्राहक पर ध्यान केंद्रित करना रहा है और यह अपने सभी तरह के अलग-अलग ग्राहकों को सुविधाजनक बैंकिंग अनुभव प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है।
बैंक ने एक बयान में कहा, “देश में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए बैंक ने अपने सभी बचत बैंक खाताधारकों से एसएमएस सेवाओं पर लिया जाने वाला मासिक शुल्क और मासिक औसत शेष (मंथली एवरेज बैलेंस) के रखरखाव पर लगने वाले शुल्क को भी माफ कर दिया है।”