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नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से तीन दिनों की पॉलिसी बैठक के बाद नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया। इसका मतलब ये हुआ है कि रेपो रेट और रिजर्व रेपो पिछली बार वाले ही कायम रहेंगे। आपको बता दें कि पिछली एमपीसी की बैठक में केंद्रीय बैंक की ओर से रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की थी, जिसके बाद ब्याज दर 5.15 फीसदी पर आ गई थी। वहीं मौजूदा समय में रिवर्स रेपो रेट घटकर 4.90 फीसदी हो है। इसमें भी किसी तरह का बदलाव देखने को नहीं मिला है।
जीडीपी अनुमान को किया और कम
वहीं दूसरी ओर केंद्रीय बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 6.1 फीसदी से कम कर 5 फीसदी कर दिया है। आरबीआई से पहले क्रिसिल रेटिंग एजेंसी भी जीडीपी अनुमान को 5 फीसदी के अनुमानित स्तर पर लेकर आ चुकी है। जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में इस स्तर में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है। वहीं आरबीआई ने महंगाई दर का अनुमान 3.5 फीसदी से बढ़ाकर 3.7 फीसदी कर दिया है।
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बीते पांच बार से हो रही थी कटौती
वहीं पिछली पांच बार से केद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कटौती कर रहा था। आंकड़ों की बात करें तो इस साल रिजर्व बैंक रेपो रेट में 1.35 फीसदी की कटौती कर चुका है। मौजूदा दर 5.15त्न है। अगर रीपो रेट और घटाया जाता तो इससे जुड़े कर्ज और सस्ते हो जाते हैं, यानी जो आप ईएमआई चुका रहे हैं उस पर काफी फर्क नजर आता है। आपको बता दें कि रेपो रेट उसे कहते हैं जिस पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों को कर्ज देता है।
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इस बार क्यों थी कटौती की उम्मीद
देश के सभी जानकर रेपो रेट में कटौती के कयास लगा रहे थे। इसका अहम कारण था जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के 4.5 फीसदी पर आ गया था। यह आंकड़ा 6 साल के निचले स्तर का है। जिसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था को लेकरलोगों की चिंताएं और बढ़ गईं। हालांकि, नवंबर में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस पीएमआई के मोर्चों पर सरकार को अच्छी खबर मिली है।