यहां एक और बात ध्यान रखने वाली है कि ये टैक्स पराठे ( PARATHA IS TAXABLE ) पर तो लगेगा लेकिन रोटी ( NO TAX ON ROTI )पर नहीं । इसका मतलब है कि भले आप घर में मां के कहने पर रोटी और पराठा कुछ भी बनाने की बात कहते हों लेकिन बाहर आपको टैक्स का ध्यान रखते हुए फरमाइश बतानी होगी।
अगर आप सोच रहे हैं कि अचानक से हम आपको ये पराठे पर लगने वाले टैक्स के बारे में कैसे बताने लगे तो आपको बता दें कि अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग्स (कर्नाटक बेंच) ने अपने एक फैसले में पराठे पर 18 फीसदी GST लगेगी। दूसरी तरफ रोटी पर 18 फीसदी की जीएसटी न देने की बात कही है। बस इस बात के ट्विटर पर आते ही लोगों ने #HANDSOFFPARATHA ट्रेंड कराना शुरू कर दिया । उसके बाद लगातार सोशल मीडिया पर मीम्स की बरसात हो रही है।
क्या है पूरा मामला- एक प्राइवेट फूड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ( ये कंपनी इडली एंड डोसा बटर, पराठा, दही और पनीर जैसे फूड स्पलाई करती है। ) ने AAR के पास आवेदन किया था। इस आवेदन में कंपनी ने कहा कि पराठा को ‘खाखरा, प्लेन चपाती या रोटी’ के तौर पर वर्गीकृत किया जाना चाहिए। जीएसटी नोटिफिकेशन के शेड्यूल 1 के Entry 99A के तहत रोटी पर 5 फीसदी ही जीएसटी देनी होती है। इस कंपनी ने AAR से गेहूं से बने पराठे और मालाबार पराठे पर लगने वाले जीएसटी के बारे में जानकारी मांगी थी।
तब AAR ने जवाब में बताया कि पराठे को खाने से पहले गर्म करना जरूरी है। इस आधार पर, एएआर ने कहा कि पराठा 1905 के अंतर्गत नहीं आता है। दरअसल रोटी के अंतर्गत पूरी तरह से पकाये गये रेडी टू ईट उत्पादों को शामिल किया गया है । वहीं पराठा एंट्री 99ए के तहत भी कवर नहीं होता है। इसीलिए पराठे के ऊपर 18 फीसदी टैक्स दिया जाना तय हुआ है।