NPA के बारे में किया जाएगा विचार
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैठक में इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड ( IBC ) के तहत NPA ( नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स ) मामलों के समाधान की प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी। इसके साथ ही बैठक में बैंकिंग क्षेत्र की स्थिति पर गौर किया जाएगा और उनकी वित्तीय सेहत को बेहतर बनाने के तौर-तरीकों पर विचार किया जाएगा। आज के समय में बैंकों की कंडीशन को सुधारना काफी जरूरी हो गया है।
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सुधरेगी बैंकिंग व्यवस्था
आपको बता दें कि इस बैठक में राजस्व विभाग और कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के सचिव भी शामिल रहेंगे। मोदी सरकार ने जब से अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया है तब से सरकार बैंकिंग व्यवस्था को सुधारने पर जोर दे रही है। आने वाले समय में बैंक से दिए जाने वाले कर्ज में बढ़ोतरी के लिए सरकार कई बड़े कदम उठाएगी। पिछले कुछ महीनों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में रिवाइवल के संकेत मिले हैं।
3.59 लाख करोड़ की हुई वसूली
सरकार ने संसद में एक सवाल के जवाब में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पिछले चार वित्त वर्षों में 3.59 लाख करोड़ रुपये की वसूली की है। इसमें 2018-19 में 1.23 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड वसूली भी शामिल है। मार्च 2019 में प्रोविजन कवरेज रेशियो बढ़कर 74.2 फीसदी हो गया, जो मार्च 2015 में 46 फीसदी था।
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एसबीआई का बढ़ा लेंडिग एनपीए
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश के सरकारी बैंकों को धोखाधड़ी से बाहर निकालने के लिए तेजी से काम कर रही हैं। पिछले कुछ सालों में हुए घोटाले जैसे पीएनबी घोटाला, संदेसरा ब्रदर्स घोटाला और जेट एयरवेज संकट जैसी कई समस्याओं के कारण बैंकों को भारी निकसान उठाना पड़ा है। सरकार ने बताया कि मार्च 2019 तक एसबीआई के पास 1.76 लाख करोड़ रुपये की लेंडिंग एनपीए के तौर पर थी। सरकारी बैंकों के मार्च आखिर तक 8582 विलफुल डिफॉल्टर थे, जबकि एक साल पहले यह संख्या 7535 थी। पिछले 5 वित्त वर्षों के दौरान विलफुल डिफॉल्टर्स के अकाउंट से 7654 करोड़ रुपये रिकवर किए गए हैं।
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