बुधवार को मौद्रिक समीक्षा नीति बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, “रिजर्व बैंक हृश्वस्नञ्ज के जरिए फंड ट्रांसफर को 24 घंटे करेगी। यह नई सुविधा इस साल दिसंबर माह से शुरू कर दी जायेगी। उम्मीद है कि इससे देश में रिटेल पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा।”
यह भी पढ़ें – अब नजदीकी दुकान से भी खरीद सकेंगे पेट्रोल-डीजल, तैयार हुआ मसौदा
आरबीआई के इस विजन के तहत होगा बदलाव
गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक की तरफ ये घोषणा पेमेंट सेटलमेंट विजन 2019 टू 2021 के तहत हुआ है। आरबीआई की इस योजना के तहत आरटीजीएस और एनईएफटी पेमेंट सिस्टम को 24 घंटे तक चलाया जाये। साथ ही, इन दोनों सुविधाओं को मुफ्त मुहैया कराया जाये।
क्या है एनईएफटी और आरटीजीएस में अंतर
एनईएफटी फंड ट्रांसफर सिस्टम केंद्रीय बैंक का पेमेंट चेलन है जिसका इस्तेमाल कोई भी ग्राहक एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के लिए करता है। हालांकि, एनईएफटी में फंड ट्रांसफर करने के लिए कोई न्यूनतम सीमा नहीं है। वहीं, आरटीजीएस के तहत कम से कम 2 लाख रुपये ट्रांसफर किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें – आर्टिकल 370 हटने के बाद विकास की राह पर चल पड़ा जम्मू-कश्मीर, अमूल करेगा दूध का कारोबार
मिल सकेगा डिजिटल इंडिया को बढ़ावा
बता दें कि पिछले बैठक में आरबीआई ने फैसला लिया था कि एनईएफटी के जरिये फंड ट्रांसफर के लिए आरबीआई कोई भी फीस नहीं लेगा। इसके बाद सभी बैंकों को इसका फायदा ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए जमबूतर होना पड़ा। दरअसल, केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि देश में अधिक से अधिक ऑनलाइन पेमेंट माध्यमों का इस्तेमाल किया है। सरकार का यह लक्ष्य डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट के तहत है।