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छोटे कारोबारियेां के लिए क्रांति बना जैक मा का बैंक, 4 साल में बांटे 2000 अरब रुपये

चार साल पहले MYBank के नाम से जैक मा ने खोला था रियल-टाइम पेमेंट बैंक।
1.6 करोड़ छोटी कंपनियों को बांटा करीब 2,000 अरब रुपये।
पेमेंट संबंधी जानकारी जुटाने के बाद तीन मिनट में ही लोन होता है अप्रुव।

Jul 28, 2019 / 05:53 pm

Ashutosh Verma

Jack Ma

नई दिल्ली। कभी एशिया के सबसे अमीर शख्स रहे और अलीबाबा ग्रुप ( Alibaba Group ) के संस्थापक जैक मा ( jack ma ) ने चीन में अपने चार साल पुराने बैंक की मदद से छोटे कारोबार की तस्वीर बदल दी है। चीन के छोटे कारोबारियों के लिए यह किसी क्रांति से कम नहीं है। दरअसल, करीब चार साल पहले जैक में ने MYBank नाम से एक रियल-टाइम पेमेंट बैंक खोला था। यह बैंक रियल-टाइम पेमेंट डेटा और एक ऐसे रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम के तहत काम करता है जो करीब 3,000 मानकों का विश्लेषण करने के बाद लोन देता है।

बीते चार साल में इस बैंक ने करीब 1.6 करोड़ छोटी कंपनियों को 2 ट्रिलियन युआन ( करीब 2,000 अरब रुपये ) कर्ज के रूप में दिया है। इस बैंक से कर्ज लेने के लिए ये छोटी कंपनियां अपने स्मार्टफोन से कुछ सेकेंड में आवेदन करती हैं, जिसके बाद उन्हें इंस्टैंट कैश मिल जाता है।

इस पूरी प्रक्रिया में करीब 3 मिनट लगता है और इसमें किसी मानव बैंकर की जरूरत नहीं पड़ती है। इस बैंक की सबसे खास बात है कि इस बैंक में कर्ज का डिफॉल्ट रेट अब तक मात्र 1 फीसदी रहा है।

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तेजी से बढ़ी छोटे लेनदारों की सहूलियतें

अपनी पूंजी और तकनीक के दम पर इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बना चीन अब बैंकों और कंपनियों के बीच कार्यप्रणाली को क्रांतिकारी रूप से बदल रहा है। इससे चीन की अर्थव्यवस्था को काफी मजबूती भी मिली है। MYBank अपने लिये यह डेटा पेमेंट सिस्टम्स, सोशल मीडिया समेत अन्य स्त्रोतों से जुटाता है और छोटे लेनदारों के लिए सहूलियतें बढ़ा रहा है।


शैडो बैंक पर चीनी सरकार की सख्ती

करीब 13 ट्रिलियन डॉलर की चीनी अर्थव्यवस्था को पिछले तिमाही में जोर का झटका लगा, तब आर्थिक ग्रोथ साल 1992 के बाद निचले स्तर पर आ गया। चीन में गैर-सरकारी कंपनियों की अर्थव्यवस्था में 60 फीसदी का योगदान है और ये कंपनियां करीब 80 फीसदी वर्कफोर्स को रोजगार देती हैं। बीते दो साल में चीनी सरकार शैडो बैंकों पर सख्त हो चुकी है।

बता दें कि शैडो बैंक वो बैंक होते हैं जिनकी कार्यप्रणाली बैंक की तरह होती हैं, लेकिन वे बैंकिंग नियमों का पालन करने के लिए बाध्य नहीं होते हैं। इनपर कानूनी शिकंजा उतना मजबूत नहीं होता, जितना एक आम बैंक पर होता है।

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लोन के लिए डेटा व AI इस्तेमाल करने के मामले में चीन बनता जा रही दुनिया का लीडर

ब्लूमबर्ग से बातचीत में एर्नेस्ट एंड यंग एलएलपी के एक अधिकारी ने बताया कि छोटे व मध्यम उद्यम देश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान रखते हैं। उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा सेग्मेंट हे जिसे बैंक सोचते थे कि ये मुश्किल और जोखिम भरा है। लेकिन, अब वे अपने मॉडल बना रहे, उसपर काम कर रहे हैं। इसलिए जो उन्हें पहले जोखिम लगता था, वो अब उन्हें आरामदायक लगने लगा है।”

एक अन्य जानकार का कहना है कि लोन के लिए बड़े से बड़ा डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल करने के मामले में चीन अब दुनिया का लीडर बनता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा फायदा है कि निजता के मोर्चे पर यह काफी आरामदायक है।

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कहां से मिलता है डेटा?

1. चीन में पेमेंट संबंधी जानकारी जुटाने का सबसे बड़ा माध्यम सरकार की सोशल क्रेडिट स्कीम है। चीन के कई शहरों में इसके बारे में टेस्टिंग की जा रही, जिसमें अच्छे क्रेडिट वाले लोगों को रिवार्ड दिया जाता है, वहीं बुरे क्रेडिट के लिए दंड का भी प्रावधान है।

2. पेमेंट संबंधी जानकारी के लिए दूसरा सबसे बड़ा स्त्रोत पेमेंट प्रोवाइडर्स हैं। माईबैंक क्रेडिट योग्यता के लिए इन्हीं ट्रांजैक्शन का रियल-टाइम विश्लेषण करता है।

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