बायर्स और बिल्डर दोनों को स्कीम का फायदा मिल सके इसके लिए वित्त मंत्री ने 2 करोड़ तक की हाउसिंग यूनिट्स की प्राइमरी बिक्री के लिए सर्कल रेट (स्टांप ड्यूटी वैल्यू) और एग्रीमेंट वैल्यू (खरीद मूल्य) के बीच अंतर को दोगुना करने का ऐलान किया है। नए निर्देश के बाद से आईटी अधिनियम की धारा 43 (सीए) के तहत इस अंतर को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। लिहाजा इन यूनिट्स के खरीदारों को आईटी एक्ट की धारा 56 (2) (एक्स) के तहत 20 प्रतिशत तक की टैक्स छूट मिलेगी।
माहामारी के दौरान सर्किल रेट के कम हो जाने से प्रॉपर्टी की कीमत गिर गई है। ऐसे में बिल्डरों को अपने बने हुए फ्लैट बेचने में दिक्कत आ रही थी। मगर सरकार की ओर से मिली छूट के बाद से बिल्डर फ्लैट्स को सर्किल रेट से 20 फीसदी कम पर भी बेच सकेंगे। इससे फ्लैट की बिक्री बढ़ेगी। साथ ही खरीदारों को मकान सस्ते में मिलेगा और टैक्स में छूट का भी लाभ मिलेगा।