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IBA के सुझाव को मंजूरी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की सैलरी पर मोलभाव करने वाली कमेटी की ओर से पीएलआई का सुझाव दिया गया था, जिसे सरकार की ओर से मंजूरी दे दी गई है। जानकारी के अनुसार बैंकों के वार्षिक नतीजों के बाद पीएलआई को कैल्कुलेट किया जा सकता है। यह किस तरह से कैल्कुलेट होगा अभी इसकी घोषणा नहीं की गई है। प्रत्येक पांच साल बाद सरकारी बैंक कर्मचारियों की सैलरी बढ़ोतरी पर समझौता किया जाता है। मौजूदा समय में सैलरी के 11वें समझौते पर चर्चा चल रही है। यह समझौता 1 नवंबर, 2017 से लागू किया जाना है।
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सैलरी का पार्ट नहीं होगा PLI
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन के महासचिव सौम्य दत्ता के अनुसार पीएलआई को लेकर कुछ प्रमुख बदलाव देखने को मिले हैं। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की ओर से इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि पीएलआई को सैलरी में शामिल नहीं किया जाएगा। यह सैलरी में बढ़ोतरी से अलग रखा जाएगा। आपको बता दें कि आईबीए ने 12 फीसदी तो बाकी बैंक यूनियंस 15 फीसदी सैलरी बढ़ोतरी की डिमांड कर रही हैं।
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कई बैंक मैनेज्मेंट दे चुके हैं पीएलआई का सुझाव
ऐसा पहली बार नहीं है जब पीएलआई को लेकर कोई सुझाव आया है। इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अलावा कई बैंकों ने विशष पैरामीटर्स के आधार पर रिवॉर्ड और पीएलआई के सुझाव दिए हैं। वहीं मौजूदा मॉड्यूल पूरी तरह से अलग है। नए मॉड्यूल के अनुसार पीएलआई बैंकों के प्रदर्शन के आधार पर होगा ना कि कर्मचारियों के प्रदर्शन के आधार पर तय की जाएगी। ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राजन नागर ने कहा कि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने पीएलआई पर अपनी सहमति जता दी है। इससे सभी सरकारी बैंकों में स्ट्रक्चर एक जैसा होने में मदद मिलेगी।