वित्त मंत्री ने इस बजट को पेश करते हुए कहा कि यह बजट लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाने और उनकी आय सुनिश्चित करने के लिए है। हमारे देश के लोगों के पास रोजगार होना चाहिए। हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की राह पर आगे बढ़ रही है।
इस बजट का मुख्य मकसद देश के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना, कारोबार को मजबूत करना, सभी अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति/जनजाति की महिलाओं की आकांक्षाओं को पूरा करना है। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया था।
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन द्वारा तैयार सर्वे में सरकार को 5 साल में 4 करोड़ रोजगार देने का चाइनीज फॉर्मूला सुझाया गया है। इस सर्वे में कहा गया है रोजगार और एक्सपोर्ट पर ध्यान देने से 2025 तक अच्छे मेहनताने वाली 4 करोड़ और 2030 तक 8 करोड़ नौकरियां दी जा सकती हैं।
इससे 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के लक्ष्य तक तेजी से बढ़ना भी संभव होगा। सर्वे में कहा गया है कि 2011-12 से 2017-18 के दौरान ग्रामीण और शहरी इलाकों में रोजगार के 2.62 करोड़ मौके बढ़े है। इस दौरान महिलाओं के रोजगार में 8% की बढ़ोतरी हुई है।
जबकि अगले एक दशक में हर साल 55 लाख से 60 लाख रोजगार देने की दरकार है। इसके साथ ही श्रम सुधारों, वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना भी जरूरी है। सरकार को नए रोजगार के मौके तलाशने के लिए लगभग दो लाख लोगों की राय मिली थी।