अब ये देखने वाली बात होगी कि बजट में सरकार आर्थिक गति को रफ्तार देने के लिए क्या बड़ी घोषणाएं कर सकती है, जिससे देश में गहराते आर्थिक संकट को कम किया जा सकें और विकास की पटरी पर वापस लौटने के लिए नई रफ्तार हासिल कर सकें।आइए एक नज़र डालते है कि सरकार बजट में किन मुद्दों पर खास जोर देंगी-
बेरोजगारी की समस्या के निपटने के लिए कदम उठाएगी सरकार
सरकार को रोजगार के मोर्चे पर कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले काफी समय से सरकार देश में रोजगार नहीं दे पा रही है। हालांकि ये बात अलग है कि सरकार रोजगार देने के वादे जरूर कर रही हैं। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को अगर सच में रोजगार के अवसर पैदा करने है तो उसे बड़ी रियायत देनी होगी।
कर संग्रह को पूरा करने के लिए विनिवेश पर देना होगा जोर
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए तकरीबन एक लाख करोड़ रुपए का विनिवेश लक्ष्य रखा था। जिसे हासिल किए जाने की उम्मीद अब किसी को नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनियों में विनिवेश से पहले उनकी वित्तीय स्थिति के साथ उनके प्रदर्शन और बाजार में पहुंच पर सरकार को खास गौर करनी पड़ेगी ताकि अगले वित्त वर्ष में उसे विनिवेश लक्ष्य हासिल करने में मदद मिल सकें।
छोटे उद्योगों को बढ़ावे के साथ निर्यात भी बढ़ाना जरूरी
रोजगार देने में छोटे और मझोले उद्योग (एमएसएमई) का बहुत बड़ा योगदान है। मगर मौजूदा समय में यह चुनौतियों से जूझ रहे हैं। ऐसे में सरकार को इस क्षेत्र के लिए रियायते मुहैया करानी पड़ेगी जिससे अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ाए जा सकें। वहीं निर्यात को रफ्तार देने के साथ-साथ भारत में ज्यादा से ज्यादा निर्माण हब बनाने होंगे।
आयकर में मिल सकती है छूट
कई विशेषज्ञ निजी आयकर में छूट का दायरा बढ़ाने की भी सलाह दे रहे हैं, उनका मानना है कि इससे मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी जिसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। राजस्व में कमी और ऊंचे राजकोषीय घाटे को देखते हुए निजी आयकर में राहत की उम्मीद कम ही है।
बैंकिंग क्षेत्र की हालत सुधारने के लिए कवायद जरूरी
भारत का बैंकिंग सेक्टर दिवालिएपन की तरफ बढ़ रहा है। हाल ही में कई घोटाले सामने आए हैं जिससे बैंकों की साख पर बट्टा लग गया हैं। यहीं वजह है कि लोगों का भरोसा अब बैंकों पर नहीं रहा। लोगों के इस भरोसा को मजबूत करने के लिए बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाने के उपाय करने होंगे, साथ ही बैंकों को कुछ राहत देनी होगी।
इंफ्रा, रोड और ऊर्जा क्षेत्र को मिलेगी राहत
अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए इंफ्रा, रोड और ऊर्जा क्षेत्र पर भी खास तवज्जो देनी होगी। इस क्षेत्र के विकास से रोजगार वृद्धि भी जुड़ी हुई है क्योंकि ये एक ऐसा सेक्टर है जो कि सीधे तौर पर सबसे अधिक रोजगार देने वाले क्षेत्रों में से एक है। इसलिए सरकार को हर हाल में इंफ्रा क्षेत्र में चल रही परियोजनाओं को जल्द पूरा करने पर जोर देना चाहिए।