बिना किराए पर टैक्स
इनकम टैक्स ऐक्ट के तहत जिन लोगों के पास एक से ज्यादा मकान हैं, उन्हें उनकी पसंद के किसी एक ही मकान को उनका आवास माना जाता है। I-T ऐक्ट के तहत उनके मालिकाना हक वाले शेष सारे मकान को किराए पर मान लिया जाता है और उन पर बाजार दर पर किराए का आकलन कर टैक्स वसूला जाता है, भले ही वह मकान खाली हो और एक रुपये भी किराया नहीं आ रहा हो। अगर इस टैक्स को हटा दिया जाए तो संभावित होम बायर्स उत्साहित होंगे और जिससे सेक्टर में जान लौट सकती है।
गुणवान कर्मचारियों पर टैक्स
गुणवान कर्मचारियों को मुफ्त में एंप्लॉयीज स्टॉक ऑप्शन प्लांस (ESOPs) जारी किए जाते हैं, लेकिन भंजाने के वक्त इन पर टैक्स लगता है। इसके तहत एंप्लॉयी को एक काल्पनिक आय पर टैक्स देना होता है। इस पर टैक्स की गणना उचित बाजार मूल्य और एंप्लॉयी द्वारा भुगतान की गई रकम के आधार पर की जाती है। हालांकि, अगर एंप्लॉयी अपने शेयर नहीं बेचता है तो ESOPs से काल्पनिक कमाई को ही ध्यान में रखा जाता है। इस बजट में इस तरह के टैक्स को खत्म किया जा सकता है।
अप्रूव्ड सुपरएनुएशन फंड पर टैक्स
अप्रूव्ड सुपरएनुएशन फंड में एंप्लॉयर द्वारा जमा की गई रकम पर विभाग की ओर से टैक्स वसूला जाता है। हालांकि इस टैक्स की वसूली 1.5 लाख रुपए के अतिरिक्त की जाती है। इसका बेनिफिट रिटायर हो जाने पर ही मिलता है। 1 फरवरी को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अंतरिम बजट पेश करने जा रही है। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार इन तमाम टैक्स को खत्म करेगी जो बिना सैलरी के वसूला जाता है।
Read the latest updates on interim Budget 2019 only at patrika.com