पिछले महीने पांच जुलाई को संसद में पेश आम बजट 2019-20 में सरकार ने दौलतमंद आयकरदाताओं पर सरचार्ज बढ़ाने की घोषणा की थी जिसके बाद विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से 22,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी की।
यह भी पढ़ेंः- Petrol Diesel Price Today: डीजल की कीमत में लगातार तीसरे दिन कटौती, पेट्रोल के दाम स्थिर
बैठक में एफपीआई ने वित्त मंत्री से कर स्थिरता की मांग करते हुए कहा कि वे भारत में तभी निवेश करने में सक्षम होंगे जब उन पर लगने वाला सरचार्ज वापस लिया जाएगा। एएमआरआई (एसोसिएशन ऑफ एसेंट मैनेजमेंट राउंडटेबल ऑफ इंडिया) की प्रेसिडेंट नंदिता पारकर ने कहा, “हमने कराधान और व्यावसायिक सुगमता (इज ऑफ डूइंग बिजनेस) पर बातचीत की।
हमने उनको बताया कि भारत सिर्फ इक्विटी एफपीआई प्रवाह में 25-35 अरब डॉलर निवेश को आकर्षित कर सकता है। इसके लिए स्थिर कर व्यवस्था काफी जरूरी है जिससे कर बाधक न बने। यही बड़ा मसला था जिस पर विचार-विमर्श किया गया।” उन्होंने कहा कि भारत में स्टॉक में नई स्फूर्ति लाने के लिए सरल उपाय करने की आवश्यकता है।
यह भी पढ़ेंः- साप्ताहिक समीक्षाः चार हफ्तों की गिरावट पर लगा ब्रेक, सेंसेक्स-निफ्टी में आई तेजी
उनसे जब पूछा गया कि क्या उनको उम्मीद है कि सरकार एफपीआई पर प्रस्तावित कर वापस लेगी तो उन्होंने कहा, “मैं सिर्फ उम्मीद ही कर रही हूं।” उन्होंने कहा कि अगर एफपीआई कर जारी रहेगा तो इससे भारत में एफपीआई के निवेश को बड़ा नुकसान होगा। पारकर ने कहा, “हमने लंबी अवधि के कैपिटल गेन (पूंजीगत लाभ) की वापसी का मसला भी मंत्रालय के पास लाया क्योंकि अधिकांश देशों में यह नहीं है।”
Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्ट्री, अर्थव्यवस्था, कॉर्पोरेट, म्युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.