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इसलिए की जा रही है वृद्घि
सूत्रों ने बताया, “हालात ऐसे हैं कि उपभोग, मांग, निवेश और पूंजी निर्माण को प्रोत्साहन की जरूरत है, लिहाजा राजकोषीय घाटे पर विचार किया जा सकता है, हालांकि अपव्यय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और राजकोषीय घाटे में संशोधन सुनियंत्रित होगा।” वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटा लक्ष्य 3.4 फीसदी रखा गया था, हालांकि वित्त वर्ष का अंतिम आंकड़ा आना अभी बाकी है।
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जुलाई में आएगा पूर्ण बजट
हाल ही में लोकसभा चुनावों के नतीजे सामने आए हैं। एक बार फिर से पूर्ण बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बनने जा रही है। 30 मई को देश के प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी और उनका कैबिनेट शपथ लेगा। उम्मीद लगाई जा रही है कि इस बार वित्त मंत्रालय अरुण जेटली के पास ना होकर पीयूष गोयल के पास आ सकता है। वहीं दूसरी ओर वित्त मंत्रालय की ओर से पहले से ही पूर्ण बजट की तैयारी शुरू कर दी है। जिससे देश की आर्थिक संस्थाओं से बातचीत शुरू कर दी है।