इसीलिए मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( finance minister nirmala sitharaman ) ने पब्लिक सेक्टर बैंकों ( public sector banks ) के प्रमुखों के साथ बैठक में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र (एमएसएमई क्षेत्र) के लिये शुरू की गई लोन गारंटी योजना (msme loan scheme ) के काम में तेजी लाने का आदेश दिया है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई इस मीटिंग में सरकार द्वारा किये गए ऐलानों के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई।
वित्त मंत्री ने योजना के क्रियान्वयन में बैंकों द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। वित्तीय सेवाओं के विभाग ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी । आप उस ट्वीट को नीचे देख सकते है
ट्वीट में वित्त मंत्री द्वारा औपचारिकताओं को कम करने की बात भी कही गई है। वित्तीय सेवाओं के विभाग ने कहा है, ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक योजना को लेकर पात्र एमएसएमई तक अपनी पहुंच बनाये हुये हैं और उन्हें लोन मंजूर करने पर लगातार ध्यान दे रहे हैं. इसके साथ ही बैंक दूसरे कारोबारियों की कर्ज जरूरतों के लक्ष्यों को भी पूरा कर रहे हैं। आपको मालूम हो कि मंत्रालय ने अभी सोमवार को कर्ज संबंधी आंकड़ों को सार्वजनिक किया था।
आपको बात दें कि प्रधानमंत्री मोदी ( pm modi ) 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के तहत सबसे बड़ी वित्तीय घोषणा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग ( msme sector ) के लिए की गई थी । 21 मई को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने एमएसएमई क्षेत्र के लिये ईसीएलजीएस के जरिये 9.25 फीसदी की रियायती दर पर तीन लाख करोड़ रुपये के सरकारी ऐलान को मंजूरी दे दी थी । योजना के तहत कर्ज पर राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी (एनसीजीटीसी) की तरफ से 100 फीसदी गारंटी की सुविधा होगी। सरकार इसके लिए 41,600 करोड़ रुपये का कोष उपलब्ध कराएगी । यह कोष इस वित्त वर्ष और अगले तीन वित्तीय वर्षों के लिये होगा।