सिक्योरिटी की है गारंटी- ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के दौरान डिटेल भरने के लिए फिजिकल कार्ड को देखने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके खोने या चोरी होने पर कार्ड की जानकारी किसी को पता चलने पर एप से बड़ी आसानी से इसे ब्लॉक या पॉज किया जा सकता है।
फामपे के सह-संस्थापक संभव जैन ने कहा कि कोरोना की महामारी के बीच लोग कैश का इस्तेमाल करने में बहुत सतर्क हो गए हैं। डिजिटल पेमेंट ( Digital Payment ) का चलन बढ़ गया है। लेकिन किशोरों को अक्सर अपने माता-पिता के कार्ड पर निर्भर रहना पड़ता है । इसीलिए बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने और फाइनेंस और पेमेंट के सफर को परिभाषित करने के लिए इस प्रोडक्ट को लॉन्च किया गया है।
मात्र 2 महीने पहले लॉन्च हुआ है ऐप– दो महीने पहले यह एप लॉन्च हुआ था पहले ही इसके 30 हजार से ज्यादा ग्राहक बन चुके हैं। कार्ड के अलावा कंपनी किशोरों को खास यूपीआई आईडी देती है।