RBI Report : चार साल में E-Payment में 50 फीसदी से ज्यादा का इजाफा
बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2018-19 में कहा कि वह सार्वजनिक पेशकश, राइट इश्यू या पात्र संस्थागत नियोजन के जरिये पूंजी जुटाएगा। इसके लिये 28 जून को होने वाली वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों की मंजूरी ली जाएगी। बैंक ने कहा कि इस पूंजी का इस्तेमाल आम कारोबारी जरूरतों को पूरा करने के लिये किया जाएगा। उसने कहा कि बासेल-तीन मानक को पूरा करने के लिये उसे यह पूंजी जुटाने की जरूरत पड़ रही है। बैंक ने कहा कि उसे बेसिल-3 नियमों के तहत, उसे 5.50 का टियर 1 अनुपात क मेंटेन करने की जरूरत है। इसके साथ ही उसे 2.50 फीसदी का कैपिटल कंजर्वेशन बफर भी मेंटेन करना होगा।
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गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के बारे में बैंक ने कहा कि एनपीए प्रबंधन उन क्षेत्रों में से एक है जिनके ऊपर ध्यान दिया जाने वाला है। उसने कहा कि वह नकदी वसूली तथा सहमति से समाधान आदि के जरिये एनपीए में कमी लाएगा। बैंक का सकल एनपीए मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में 19.29 प्रतिशत रहा जो इससे पूर्व वित्त वर्ष 2018-19 में 21.48 प्रतिशत था। रिपोर्ट में कहा गया कि बैंक को जरूरत है कि वो सीएआर यानी कैपिटल एडिक्वेसी अनुपात को भी मेंटेन करना होगा। यही कारण है कि बैंक को 5,000 करोड़ रुपए जुटाने होंगे।
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