हालांकि, बजट में घोषित नए टैक्स स्लैब के साथ एक अभी पेच भी फंसा हुआ है।
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दरअसल, नए टैक्स स्लैब के अनुसार 5 लाख से 7.5 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले वर्ग के लोगों अब 20 प्रतिशत की जगह केवल 10 प्रतिशत की दर से ही टैक्स भरना होगा।
इसके साथ ही 7.5 लाख से 10 लाख रुपए सालाना आय तक वाले लोगों को 15 प्रतिशत की दर से टैक्स चुकाना होगा।
इसमें पेंच यह फंसा है कि अगर कोई नई दरों के साथ टैक्स भरता है तो उसको कर में मिलने वाली लगभग 70 रियायतों को त्यागना पड़ेगा।
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दरअसल, नए बजट में टैक्स पेयर्स को विकल्प दिया गया है। इसके अंतर्गत वर्तमान इनकम टैक्स दर या नए दरों में से किसी एक को चुनने को कहा गया है।
यानी अगर आप पुरानी यानी मौजूदा टैक्स दरों से इनकम टैक्स चुकता करते हैं तो आप आयकर योग्य आमदनी में मिलने वाली सभी रियायतों का लाभ उठा सकते हैं।
इसके विपरीत अगर आप नई दरों के हिसाब से टैक्स भरते हैं तो आपको इन रियायतों का मोह छोड़ना होगा।
आपको बता दें कि इससे पहले इंश्योरेंस, इंवेस्टमेंट, घर का किराया, चिकित्सा, बच्चों की फीस समेत कुल 100 रियायतें प्रदान की गईं थी।
अब बजट में मौजूद प्रावधानों में 70 रियायतों को समाप्त कर दिया गया है।