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आपको बता दें कि आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक पिछले साल नवंबर में ही कारोबार समेटने के लिए घोषणा की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के अपनी मर्जी से अपना कारोबार समेटने का RBI को आवेदन किया था। आवेदन के बाद उसके परिसमापन को मंजूरी दे दी गई।
बैंकिंग कंपनी का दर्जा समाप्त
केंद्रीय बैंक ने एक अधिसूचना में कहा, बैंकिंग नियमन अधिनियम 1949 के तहत आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक अब बैंकिंग कंपनी के रूप में समाप्त हो गई है, जो 28 जुलाई 2020 से प्रभावी हो गई है।
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आइडिया सेल्युलर के 49 फीसदी हिस्सा
बता दें कि आदित्य बिड़ला पेमेंट्स बैंक, आइडिया सेल्युलर और आदित्य बिड़ला नूवो लिमिटेड का Joint venture है। इसमें आदित्य बिड़ला नूवो लिमिटेड के 51 फीसदी और आइडिया सेल्युलर के 49 फीसदी शेयर रहे।
2017 में मिला था लाइसेंस
आपको बता दें कि अप्रैल 2017 को आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक को काम करने के लिए लाइसेंस मिल गया था। इसने 22 फरवरी 2018 को अपना परिचालन शुरू किया था। आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक में ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड की 51 प्रतिशत और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। यह बैंक आदित्य बिड़ला नुवो और आइडिया सेल्युलर का संयुक्त उपक्रम है।
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क्या रही वजह
रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी से कारोबार समेटने की वजह ‘अप्रत्याशित घटनाक्रम’ को बताया था। अब तक भुगतान बैंकिंग बाजार में टेक महिंद्रा, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी और दिलीप सांघवी, आईडीएफसी बैंक लिमिटेड और टेलिनॉर फाइनेंशल सर्विसेज के गठबंधन में बना भुगतान बैंक बाजार छोड़ने की घोषणा कर चुके हैं।