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1. यहां पर 25,000 करोड़ रुपए जमा
– IIPF में 7 वर्षों में लावारिस पड़ी कंपनियों के घोषित लाभांश और शेयर ट्रांसफर किए
– इसमें कुल 4,138 करोड़ रुपए जमा हुए
– फंड में कंपनियों ने 21,232.15 करोड़ रुपए मूल्य के 65.02 करोड़ शेयर जमा किए
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2. बैंकों में 20,000 करोड़ रुपए बेकार
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार जून 2018 तक लावारिस पड़े बैंक अकाउंट्स से डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड को 19,567 करोड़ रुपए मिले थे। इन बैंक अकाउंट्स पर किसी ने दावा नहीं किया था।
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3. बीमा कंपनियों के पास 16 हजार करोड़ रुपए लावारिस
– 31 मार्च, 2018 तक देश की 24 जीवन बीमा कंपनियों के पास बीमाधारकों के 16,000 करोड़ रुपए लावारिस पड़े हैं।
– 70 फीसदी यानी कुल 10,509 करोड़ रुपए सिर्फ LIC के बीमाधारकों के हैं।
– 24 गैर-जीवन बीमा कंपनियों के पास पड़े 848 करोड़ रुपए लावारिस हैं।
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4. 9,000 करोड़ पोस्ट ऑफिसों में लावारिस
– देश के पोस्ट ऑफिसों में 9,395 करोड़ रुपए का कोई दावेदार नहीं है।
– डाक घर योजना में जमा रुपयों के मेच्योरिटी पीरियड खत्म होने के बाद कोई नहीं आया।
– छोटी बचत योजनाओं में रुपए जमा करने शुरू किए, लेकिन बाद में बंद कर दिया, जिसका उन्होंने दावा नहीं किया।
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5. पीजीएफआई में 1,500 करोड़ रुपए लावारिस
– पीयरलेस जनरल फाइनैंस एंड इन्वेस्टमेंट ( PGFI ) में पैसे निवेश कर भूल गए।
– 15 साल में निवेश की रकम बढ़कर 1,514 करोड़ रुपए हो चुकी है।
– डेढ़ दशक पहले छोटे निवेशकों को डिपॉजिट सर्टिफिकेट्स बांटकर 1.49 करोड़ रुपए जुटाए थे।
– 51 फीसदी डिपॉजिट सर्टिफिकेट्स 2,000 रुपए या इससे कम भाव पर जारी किए गए थे।
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