NPS में निवेश करने में लचीलापन होता है जो निवेश करने को आसान बनाता है। जहां अन्य निवेश करने के दूसरे विकल्पों में एक निश्चित अधिकतम सीमा होती है वहीं NPS में ऐसा नहीं होता है यह सुविधानुसार निवेश किया जा सकता है ओर सबसे प्रमुख बात तो ये की टैक्स छूट में भी अधिक फायदा
आजकल इस मंहगाई के जमाने में जहां रोज कीमतें आसमान छू रही है तो अकेले इंसान के खर्चे पर घर चल पाना मुश्किल हो जाता है इसलिए कई लोग पति पत्नी दोनों मिलकर पैसा कमाते है। NPS को मदद से दोनों इस योजना में निवेश कर सकते है और दोनों अपनी अपनी तरफ से टैक्स में छूट ले सकते है।
NPS के लिए कर्मचारी को नियोक्ता भी प्रोत्साहित करता है क्योंकि उसके कर्मचारी को अधिक फायदे के साथ उस भी टैक्स में छूट मिलेगी। जहां कर्मचारी को 80C के तहत छूट प्राप्त होती है वहीं नियोक्ता को 36(1) के तहत कर में राहत मिलती है।
NPS में पैसा जमा कराने पर आयकर की धारा के तहत 50 हजार की अधिक कर में छूट मिलती है और यह छूट धारा 80C में मिली 1.50 लाख की छूट से अधिक है।
कई बार सुना होगा कि व्यक्ति के दिवालिया होने पर बैंक उसकी सारी संपति जब्त कर लेती है पर सरकार हाथ धोकर पीछे पड़ जाती है लेकिन NPS में जमा कराई गई राशि को कोई भी जब्त नहीं कर सकता वो पैसा सिर्फ आपका। इस तरह NPS सबसे सुरक्षित निवेश के साधनों मे माना जा सकता है।