टैक्स बचत के साथ तगड़ी कमाई
स्क्रिपबॉक्स के मुख्य निवेश अधिकारी अनूप बंसल कहते हैं, जब रिटर्न पर बचत की बात आती है तो टैक्स प्लानिंग एक महत्वपूर्ण पहलू है। यदि आप पीपीएफ और ईएलएसएस जैसे कर-बचत में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो अधिक समय देने की जरूरत है। अगर आपकी स्थिति में बदलाव हैं, जैसे कि रेंटल एग्रीमेंट में बदलाव (एचआरए) तो इन पर विचार करें और नियोक्ता को टीडीएस के बारे में सूचित करें।
माता-पिता और जीवनसाथी के नाम पर निवेश करें
इनकम क्लबिंग से बचने के लिए एक बढ़िया आप्शन है कि आप अपने माता-पिता या दादा-दादी और जीवनसाथी के नाम पर निवेश करे जो कम टैक्स ब्रैकेट में हो सकते हैं। बंसल बताते हैं, यदि आपके माता-पिता में से कोई एक 65 वर्ष से अधिक आयु का है और उसके पास कोई निवेश नहीं है, तो आप कर-मुक्त ब्याज अर्जित करने के लिए उनके नाम पर निवेश कर सकते हैं। 60 वर्ष से अधिक आयु का प्रत्येक वयस्क पहले से ही 3 लाख रुपये की आधारभूत छूट का हकदार है। इसके अतिरिक्त, यदि आप 80 वर्ष से अधिक उम्र के दादा-दादी की मदद लेना चाहते हैं, तो छूट 5 लाख रुपये से भी अधिक है।
बच्चों के नाम पर निवेश करें
आपके बच्चे भी आपके माता-पिता की तरह टैक्स बचाने में आपकी मदद कर सकते हैं। लेकिन यह तभी होगा जब आपको बच्चा वयस्क यानी 18 साल से ऊपर हो। वयस्क होने के बाद एक बच्चे को कर उद्देश्यों के लिए एक अलग व्यक्ति के रूप में माना जाता है। वह डीमैट खाता खोलने और आपके द्वारा उपहार में दिए गए धन के साथ स्टॉक और म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए भी योग्य होगा। बंसल बताते हैं, 1 लाख रुपए तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन हर साल टैक्स फ्री होगा। वहीं शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन 2.5 लाख रुपए सालाना की स्टैंडर्ड छूट तक टैक्स फ्री होगा।
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एनपीएस है अच्छा विकल्प
भारत में कम वार्षिकी दरों और लंबे समय के लिए अपने सेवानिवृत्ति के पैसे के लिए एनपीएस एक अच्छा विकल्स हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि एनपीएस को एक अनाकर्षक निवेश विकल्प माना गया है। बंसल के अनुसार, एनपीएस के निकासी नियमों में सुधार ने कुछ बदलाव हुआ है। जिससे पेंशन योजना उनके 50 के दशक में अधिक आकर्षक हो गई है। नया नियम निवेशकों के लिए कुछ अलग कर-बचत विकल्प हो सकता है।