लंबोदर श्रीगणेश इस भगवान के साक्षात अवतार है, जानें ब्रह्मवैवर्त पुराण का पौराणिक रहस्य
विद्यार्थी इस गणेश उत्सव करें ये काम
1- विद्यार्थी अपनी पढ़ाई की टेबल पर थोड़े से चावल के ढेरी बनाकर उसके उपर एक पूजा वाली सुपारी में कलावा लपेट कर गणेश जी के प्रतिक के रूप में स्थापित करें। गणेश जी का मुख पूर्व या उत्तर या उत्तर पूर्व ही होना चाहिए।
2- एक सफेद फूल, रोली, अक्षत, ताजी दुर्वा एवं एक मोदक अर्पित करें।
3- अपनी प्रिय पुस्तकें पेन, कलम भी वहां गणेश जी के पास दाहिनी ओर रखें दें।
4- वे पुस्तकें भी गणेश प्रतिमा के सामने रखें जो आपको कठिन लगती हो।
5- अब वहीं गणेश प्रतिके के सामने कुर्सी पर सामने बैठ जायें।
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6- संभव हो तो गाय के घी का एक दीपक भी जलायें।
7- विद्यार्थी अब आंख बंद करके और हाथ जोड़कर गणेशजी के स्वरूप का अपने मन में ध्यान करे ।
8- ध्यान करते हुए उनसे प्रार्थना करें की आप जो भी पढ़े व आपकों याद हो जाएं।
9- 5 मिनट का ध्यान करने के बाद गणेश जी के इस छोटे से सरल मंत्र का 108 या फिर 21 बार मन ही मन उच्चारण करें।
10- इस गणेश महामंत्र : “ॐ गं गणपतये नमः” का करें मन ही मन जप।
जप लें इनमें कोई एक मंत्र : गणेश कर देंगे हर इच्छा पूरी
उपरोक्त गणेश मंत्र का जप करने के बाद एक सफेद पेपर पर श्री गणेश जी के इस- श्री गणेशाय नमः मंत्र को 108 बार पहले दिन लिखे एवं बाद में प्रतिदिन पढ़ाई शुरू करने से पूर्व 11 या 21 बार जरूर पढ़े।
इस गणेश पूजा में आस्था और समर्पण ही प्रधान है, इसलिए पूरी श्रद्धा से ही पूजन करें। संभव हो तो विद्यार्थी प्रति बुधवार या रविवार के दिन उपवास भी रहे। ऐसा करने से गणेश जी प्रसन्न होकर आपके प्रत्येक मनोकामना को पूर्ण करते हैं।
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