scriptrath yatra puri : मनोकामना पूर्ति श्री जगन्नाथ स्तोत्र | rath yatra puri : bhagwan jagannath istrotti in hindi | Patrika News
त्योहार

rath yatra puri : मनोकामना पूर्ति श्री जगन्नाथ स्तोत्र

rath yatra puri : bhagwan jagannath: जी की इस स्तुति का पाठ करने से एक साथ कई मनोकामनाओं की पूर्ति होने लगती है।

Jul 05, 2019 / 01:17 pm

Shyam

bhagwan jagannath istrotti

rath yatra puri : मनोकामना पूर्ति श्री जगन्नाथ स्तोत्र

भगवान श्री जगन्नाथ की रथयात्रा उड़िसा के साथ पूरे देश में धूमधाम से प्रारंभ हो चुकी है। रथयात्रा दुनिया के लगभग 23 देशों में श्रद्धाभाव व समर्पण के निकाली जाती है। 10 दिन तक चलने वाली इस रथयात्रा में श्री जगन्नाथ जी अपने भक्तों का हाल चाल जानने के लिए गर्भ गृह से निकलकर सभी भक्तों को दिव्य दर्शन देकर कृतार्थ करते हैं, उनके सभी कष्टों को हर लेते हैं।

 

ये भी पढ़े : इस जगन्नाथ मंदिर के रक्षक है महावीर हनुमान, प्रवेश के लिए लेनी पड़ती अनुमति

 

रथयात्रा के दौरान 10 दिनों तक जो भी भक्त अपने दुखों से मुक्ति पाने एवं मनवाछिंत कामना की पूर्ति के लिए भगवान जगन्नाथ की इस स्तुति का पाठ करते हैं श्री जगन्नाथ जी उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं।

श्री जगन्नाथ स्तोत्र का पाठ विधि

1- सबसे पहले भगवान श्री कृष्ण, श्री बलराम जी एवं देवी सुभद्रा जी पंचोपचार पूजन- जल, अक्षत-पुष्प, धुप, दीप और नैवेद्य से पूजन करने के बाद हाथ जोड़कर प्रभु का ध्यान करें।

2- पूजन के बाद स्त्रोत के पहले दो श्लोक से योगेश्वर श्री कृष्ण, श्री बलराम, और देवी सुभद्रा को दण्वत प्रणाम करें।

3- पूजन और नमन करने के बाद किसी धुले हुए आसन पर बैठकर भगवान श्री जगन्नाथ जी के इस स्त्रोत का शांत चित्त होकर धीमे स्वर में पाठ करें ।

4- जब तक पाठ चलता रहे तब तक गाय के घी का दीपक भी जलता रहे।

5- ऐसा कहा जाता कि इस स्त्रोत का सिर्फ एक बार पाठ करने से मानसिक शांति मिलने के साथ अनेक कष्टों का निवारण श्री भगवान जी कर देते हैं।

 

गुप्त नवरात्र में इस काम को करने से कोई भी इच्छा नहीं रहेगी अधूरी, धन की होने लगेगी वर्षा

 

।। अथ श्री जगन्नाथ स्तोत्र ।।

अथ श्री जगन्नाथप्रणामः- दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम करें
नीलाचलनिवासाय नित्याय परमात्मने।
बलभद्रसुभद्राभ्यां जगन्नाथाय ते नमः।।
जगदानन्दकन्दाय प्रणतार्तहराय च।
नीलाचलनिवासाय जगन्नाथाय ते नमः।।

 

पुरी जगन्‍नाथ मंदिर और रथयात्रा के दर्शन मात्र से मिलता है चारों धाम की तीर्थयात्रा का फल

 

।। श्री जगन्नाथ प्रार्थना ।।

1- रत्नाकरस्तव गृहं गृहिणी च पद्मा, किं देयमस्ति भवते पुरुषोत्तमाय।
अभीर, वामनयनाहृतमानसाय, दत्तं मनो यदुपते त्वरितं गृहाण।।

2- भक्तानामभयप्रदो यदि भवेत् किन्तद्विचित्रं प्रभो कीटोऽपि स्वजनस्य रक्षणविधावेकान्तमुद्वेजितः।
ये युष्मच्चरणारविन्दविमुखा स्वप्नेऽपि नालोचका- स्तेषामुद्धरण-क्षमो यदि भवेत् कारुण्यसिन्धुस्तदा।।

3- अनाथस्य जगन्नाथ नाथस्त्वं मे न संशयः, यस्य नाथो जगन्नाथस्तस्य दुःखं कथं प्रभो।।
या त्वरा द्रौपदीत्राणे या त्वरा गजमोक्षणे, मय्यार्ते करुणामूर्ते सा त्वरा क्व गता हरे।।

4- मत्समो पातकी नास्ति त्वत्समो नास्ति पापहा ।
इति विज्ञाय देवेश यथायोग्यं तथा कुरु।।

************

bhagwan jagannath istrotti

Hindi News / Astrology and Spirituality / Festivals / rath yatra puri : मनोकामना पूर्ति श्री जगन्नाथ स्तोत्र

ट्रेंडिंग वीडियो