scriptभौम प्रदोष 5 मई : सूर्योदय के समय घर में ही करें, ये सर्वोत्तम शिव पूजा | Pradosh vrat : 5 May 2020 Shiv Puja in hindi | Patrika News
त्योहार

भौम प्रदोष 5 मई : सूर्योदय के समय घर में ही करें, ये सर्वोत्तम शिव पूजा

प्रदोष व्रत को हिंदू धर्म में अन्य व्रतों में प्रथम स्थान प्राप्त है

May 04, 2020 / 02:35 pm

Shyam

500012900436_3851.jpg

5 मई 2020 मंगलवार को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। शास्त्रों में त्रयोदशी तिथि को प्रदोष रखकर प्रदोष काल में भगवान शिव का विशेष पूजन का विधान है। इस दिन गोधूली बेला प्रदोष काल में शिव जी का पूजन करने से जीवन की कोई भी कामना शिव कृपा से अधूरी नहीं रहती है। मंगलवारी प्रदोष में ऐसे करें भगवान शंकर का अपने घर में पूजन।

इन शिव मंत्रों का जप करता है गंभीर रोगों से रक्षा

प्रदोष व्रत के दिन ऐसे करें शिव पूजा

1- मंगलवार को व्रत रखकर प्रदोष में जीवन के सभी पापों के नाश के लिए जरूर करें शिव जी का विधिवत पूजन।

2- इस दिन सूर्यास्त के समय अपने घर में ही या फिर किसी शिवमंदिर में जाकर महामृत्युंजय मंत्र का जप 108 बार जरूर करना चाहिए।

3- गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करें।

4- 108 बिना खंडित बेलपत्र अर्पित करें।

मंगलवारी प्रदोष 5 मई : सूर्योदय के समय घर में ही करें, ये सर्वोत्तम शिव पूजा

5- उक्त पूजा करने के बाद ऋतुफल का भोग शिवजी को लगायें, एक श्रीफल भेट करने के बाद दण्वत प्रणाम करते हुए सभी पाप कर्मों की मुक्ति की प्रार्थना भी करें।

6- पूजन के बाद मंदिर से बाहर निकले पर कोई दरिद्र मिल जाये तो उन्हें कुछ न कुछ दान अवश्य करें। इससे आपकी मनोकामनाएं भी पूरी जाती है।

7- प्रदोष का व्रत करने से जाने अंजाने में हुए पापों के दुष्फल नष्ट हो जाते हैं।

मंगलवारी प्रदोष 5 मई : सूर्योदय के समय घर में ही करें, ये सर्वोत्तम शिव पूजा

प्रदोष व्रत का महत्व एवं लाभ

ऐसी प्राचीन मान्यता है कि प्रदोष का व्रत रखने वालों को 2 गायों के दान करने के समान पुण्यफल मिलता है। प्रदोष व्रत के बारे शास्त्रों में कथा आती है की एक दिन जब चारों दिशाओं में अधर्म का बोलबाला नजर होगा, अन्याय और अनाचार अपनी चरम सीमा पर होगा। व्यक्ति में स्वार्थ भाव बढ़ने लगेगा, और व्यक्ति सत्कर्म के स्थान पर कुकर्म के कार्यों में आनंद लेने वाले वाले अनेक लोग पाप के भागी बनेंगे। अगर वे पापों से बचने के लिए प्रदोष का व्रत करने के साथ भगवान शिवजी की विशेष पूजा करेंगे तो उनके इस जन्म ही नहीं बल्कि अन्य जन्म- जन्मान्तर के पाप कर्म भी नष्ट हो जायेंगे और उन्हें उत्तम लोक की प्राप्ति होगी।

**********

मंगलवारी प्रदोष 5 मई : सूर्योदय के समय घर में ही करें, ये सर्वोत्तम शिव पूजा

Hindi News / Astrology and Spirituality / Festivals / भौम प्रदोष 5 मई : सूर्योदय के समय घर में ही करें, ये सर्वोत्तम शिव पूजा

ट्रेंडिंग वीडियो