चीन में हुआ था पतंग का आविष्कार
पतंग को सबसे ज़्यादा और बेहतरीन तरीके से भारत में ही उड़ाया जाता है। भारत के अलावा ज़्यादा देश नहीं है जहाँ पतंग उड़ाई भी जाती है। पर आपको जानकार हैरानी होगी कि पतंग का अविष्कार भारत में नहीं हुआ था। पतंग का अविष्कार चीन में हुआ था। माना जाता है कि पतंग का आविष्कार ईसा पूर्व पांचवी सदी में चीन में हुआ था। दुनिया की पहली पतंग एक चीनी दार्शनिक हुआंग थेग ने बनाई थी। चीन में पतंग का इस्तेमाल दूरियाँ नापने, हवा का परीक्षण करने, लोगों को उठाने, संकेत देने और सैन्य अभियानों के लिए संचार के लिए किया जाता था।
भारत में पॉपुलर हुई पतंगबाजी
पतंगबाजी का अविष्कार भले ही चीन में हुआ हो, पर यह पॉपुलर भारत में हुई। भारत में पुराने राजा-महाराजाओं से लेकर सामान्य लोग तक पतंग उड़ाते थे। यह एक खेल जैसा बन गया और समय के साथ-साथ पॉपुलर होता चला गया। आज के दौर में सामान्य लोग हो, या सेलेब्स, हर कोई पतंग उड़ाने का मज़ा लेता है। देश के पीएम नरेंद्र मोदी को भी पतंग उड़ाना पसंद है और समय मिलने पर वह पतंग उड़ाते भी हैं।
कई देशों से भारत में पतंग उड़ाने के लिए आते हैं लोग
मकर संक्रांति के अवसर पर जयपुर और अहमदाबाद में तो पतंग महोस्तव का भी आयोजन किया जाता है। कई देशों से इस अवसर पर लोग पतंग उड़ाने के लिए भारत आते हैं और पतंगबाजी का मज़ा लेते हैं। इस दिन आसमान पतंगों से भर जाता है।
करोड़ों का है कारोबार
पतंगों का देशभर में करोड़ों का कारोबार है और सबसे ज़्यादा जयपुर, अहमदाबाद और मुंबई में ही इसका कारोबार होता है। इससे कई लाख लोगों को रोजगार भी मिलता है।
सावधानी भी है ज़रूरी
पतंग उड़ाते समय मज़ा लेने के साथ ही सावधानी भी ज़रूरी है। कई बार पतंग उड़ाते समय धागा बिजली के तारों में फंस जाता है। इसे खींचने पर झटका लगने का खतरा रहता है। पतंग से उंगली कटने का भी खतरा रहता है। पतंगबाजी करते समय कई बच्चे ध्यान नहीं रखते और छत से गिर जाते हैं। कुछ बच्चे सड़कों पर पतंगबाजी करते हैं और इस दौरान उनका एक्सीडेंट भी हो जाता है। पतंग का धागा काफी पैना होता है और इससे पक्षियों के कटने का भी खतरा रहता है। ऐसे में पतंगबाजी करते समय सावधानी बहुत ही ज़रूरी है।