बाद में एनजीओ के नाम पर लोगों को धोखाधड़ी के जरिए फंसाया। उसने आरकेएम शिक्षण संस्थान नामक एनजीओ रजिस्टर करवा कर लोगों को दो-गुना लाभ का लालच देकर करोड़ों रुपये इकट्ठा किए। उसकी धोखाधड़ी की कहानी उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी फैली हुई थी। पुलिस को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि राजेश मौर्या ने फर्जी दस्तावेजों और रसीदों के माध्यम से लोगों को गुमराह कर उनका पैसा हड़प लिया। इसके खिलाफ कई धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। यह नटवरलाल लगातार वेश बदलकर और अपने ठिकाने बदलता रहता था। ताकि इसकी पहचान ना हो सके। लेकिन वर्षों से पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहे इस महाठग को अंततः पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।