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इसी दौरान महेश, मुन्ना उर्फ राजेश शुक्ला, राजू उर्फ राजेन्द्र, सगे भाई भोले उर्फ जय प्रकाश व टिर्रा उर्फ राम प्रकाश और गोला उर्फ गुड्डू ने हमला बोल दिया। फायरिंग में भानुप्रताप व विशेषर की मौत हो गई। अधिवक्ता के अनुसार, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश पांडेय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई।ग्रामीणों के मुताबिक भानु प्रताप सिंह की चचेरे भाई वीरेन्द्र सिंह के बीच दस विस्वा जमीन के विवाद में रंजिश चल रही थी। तालाब के पास बाग की जमीन के विवाद में साल 1994 में वीरेन्द्र सिंह की हत्या हो गई थी। भानू प्रताप सिंह और उनके पिता विशेषर सिंह हत्या के आरोप में जेल गए थे। मुकदमें में शुक्ला परिवार के सदस्य गवाह थे।
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बकोली गांव में दस विस्वा जमीन के विवाद में शुरू हुए खूनी खेल में तीन जानें चलीं गईं। जमीन की रंजिश में वीरेन्द्र सिंह की हत्या में पिता-पुत्र आरोपित थे। चार साल बाद पिता पुत्र जमानत पर रिहा हुए थे तो हत्या के विरोध में पिता पुत्र की भी हत्या कर दी गई। दहशत में मृतकों के परिजन गांव से पलायन कर गए। चार साल के अंतराल में तीन हत्याओं की रंजिश में बकोली सुलग रहा था।ग्रामीण बताते हैं कि वीरेन्द्र सिंह की हत्या में महेश उर्फ पप्पू शुक्ला गवाह बने थे। नतीजन पारिवारिक रंजिश में उनका परिवार भी शामिल हुआ। चार साल बाद 1998 में हत्यारोपी विशेषर व भानुप्रताप (पिता-पुत्र) जमानत पर जेल से बाहर आए थे। बदले की भावना से हुई वारदात में शुक्ला परिवार भी शामिल था, नजीतन पूरा परिवार हत्याकांड में आरोपित बना।
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गांव से पलायन कर गया परिवार, ननिहाल पहुंचापिता-पुत्र की हत्या से बकोली गांव सहम गया था। दहशत में मृतक भानू प्रताप सिंह के बेटे विनय सिंह, मनोज सिंह और देवेन्द्र सिंह गांव को छोड़ कर ननिहाल पचभिटा में रहने लगे थे। विनय का कहना है कि ननिहाल में नाना की गद्दी पर आए थे।
दोहरे हत्याकांड के वादी विनय सिंह का कहना है कि इंसाफ के इंतजार में 25 साल बीत गए है। बाबा और पिता के हत्यारों को फांसी की सजा होने की उम्मीद थी लेकिन वह सभी को उम्रकैद सुनाए जाने से भी संतुष्ट हैं। फैसले से बाबा व पिता की आत्मा को शांति मिलेगी।
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फैसले के खिलाफ करेंगे अपीलफैसला आने के बाद बकोली गांव में मातम का माहौल है। आरोपियों के घरों में महिलाएं रो बिलख रही थी। उन्होंने फैसले को गलत बताते हैं कि अपनों को रंजिशन फंसाए जाने की बात कही। उनके मुताबिक वह उच्च न्यायालय में फैसले के खिलाफ जाएंगे।
भारतीय जनता पार्टी के मलवां मंडल के अध्यक्ष पंकज शुक्ल उर्फ गोला उर्फ गुड्डा समेत तीन सगे भाई महेश उर्फ पप्पू शुक्ला, मुन्ना उर्फ राजेश शुक्ला, राजू उर्फ राजेंद्र शुक्ला पुत्र गण विशेषर प्रसाद शुक्ल और भोने उर्फ जयप्रकाश, टिर्रू उर्फ रामप्रकाश पुत्रगण राजाराम को आजीवन कारावास की सजा सुना दी। साथ ही सभी अभियुक्तों को 28-28 हजार अर्थदंड की सजा सुना दी।