जिला प्रशासन दोनों भवनों के ध्वस्तीकरण की तैयारी में था। इसी बीच हाई कोर्ट ने भवन स्वामी गौरव अरोड़ा की याचिका पर नगर मजिस्ट्रेट को तलब कर लिया गया। बुधवार सुबह अपर जिलाधिकारी सुभाष चंद्र प्रजापति, सिटी मजिस्ट्रेट दीपाली भार्गव, तहसीलदार श्रद्धा पांडेय, नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी रवींद्र कुमार दोपहर को ठंडी सड़क स्थित गुरुशरणम पैलेस के सामने पहुंचे।
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लखनऊ नगर निगम में भीषण आग, 40 वाहनों को लिया चपेटे में, दो साल पहले भी इसी जगह लगी थी आग अधिकारियों ने डिग्गीताल का जायजा लिया। इसके बाद दूसरी गली से केएम हाउस के पीछे गए। दोपहर को बताया गया कि शाम को साढ़े चार बजे वरिष्ठ अधिकारी वहां पहुंचेंगे और मुनादी होगी। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एक-दो दिन के लिए मामला टल गया है।
न्याय मूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने अपने आदेश में कहा, “न्यायालय ने नगर मजिस्ट्रेट दीपाली भार्गव के अपना पद बताए बिना स्वयं को कानपुर निवासी दिखाकर व्यक्तिगत हैसियत से कैविएट डाले जाने को गंभीरता से लिया है।
याचिका कर्ता का कथन है कि अधिकारी सुनवाई का अवसर प्रदान किए बिना और उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों पर विचार किए बिना संपत्ति को ध्वस्त करने में जल्दबाजी में हैं।”
मामले में जिलाधिकारी और नगर मजिस्ट्रेट को गुरुवार सुबह 10 बजे न्यायालय उपस्थित होने का आदेश मिला। स्पष्ट करने का आदेश दिया है कि कैविएट किस हैसियत से दायर किया गया है।
न्यायमूर्ति ने मुख्य स्थायी अधिवक्ता को डीएम फर्रुखाबाद को आदेश से अवगत कराने को कहा है। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष को कैविएटर के अधिवक्ता को सूचित करने के निर्देश दिए गए। क्या था मामला
ठंडी सड़क स्थित बसपा नेता के होटल और उसी से सटे केएम हाउस और कपड़ा शोरूम के ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ की गई अपील को डीएम ने खारिज कर दिया था। लेकिन अपर जिलाधिकारी के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम दोपहर में पहुंची।
ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए मौके का जायजा लिया। शाम को वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में मुनादी होनी थी। पालिका और पुलिस कर्मी शाम तक वहां डटे रहे। लेकिन कोई अधिकारी नहीं आए।