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फैजाबाद में गुमनामी बाबा के निधन पर अखबारों ने लिखा कि हो गयी नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की मौत

जांच के दौरान गुमनामी बाबा के संदूक से मिली थीं नेता जी के परिवार की तस्वीरें और घर के सदस्यों द्वारा लिखी गयीं चिठ्ठियाँ

फैजाबादJan 24, 2018 / 11:25 am

अनूप कुमार

Neta Ji Subhash chandra Bose Gumnami baba Faizabad News In Hindi

Neta Ji

अनूप कुमार


फैजाबाद.नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की 121 वीं जयंती के मौके पर एक बार फिर ये सवाल चर्चा में है कि आखिर नेता जी अपने ज़िन्दगी के आखिरी लम्हों में कहाँ थे अयोध्या और फैजाबाद में रहने वाले गुमनामी बाबा को लोग नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के रूप में जानने का दावा करते रहे हैं .पिछले साल गुमनामी बाबा का म्यूजियम बनाने के सिलसिले में उनके सामान की जांच के दौरान अधिकारियों को आजाद हिंद फौज के खुफिया विभाग में वरिष्ठ अधिकारी डॉक्टर पबित्र मोहन रॉय द्वारा लिखे गए पत्र और टेलिग्राम मिले,जिसके बाद इन सामानों को देखने के बाद आजाद हिंद फौज के ही वरिष्ठ अधिकारी निजामुद्दीन ने इस मामले को एक नया मोड़ दे दिया था , आजमगढ़ में रहने वाले निजामुद्दीन नेदावा किया था कि फैजाबाद के गुमनामी बाबा के सामान से जो जर्मन दूरबीन मिली है, वह वही दूरबीन है जिसका इस्तेमाल खुद नेताजी और आजाद हिंद फौज के बाकी सदस्य किया करते थे. गुमनामी बाबा ने अपने अंतिम दिन जिस राम भवन में गुजारे थे, उसके मालिक शक्ति सिंह ने बताया, ‘उनके सामान में अंतर्देशीय पत्र, मनीऑर्डर की पावती के रसीद और टेलिग्राम मिले थे . बांग्लादेश का एक हाथ से बनाया गया मानचित्र भी मिला, इस मानचित्र में पद्मा नदी और कुछ अन्य नदियों को दर्शाया गया था.चौकाने वाली बात ये थी कि उस दौर में जिस दिन फैजाबाद में गुमनामी बाबा का निधन हुआ उस समय अखबारों में ये हेड लाइन थी की फैजाबाद में रह रहे नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का हुआ निधन .
जांच के दौरान गुमनामी बाबा के संदूक से मिली थीं नेता जी के परिवार की तस्वीरें और घर के सदस्यों द्वारा लिखी गयीं चिठ्ठियाँ

जिस समय गुमनामी बाबा के सामानों को फैजाबाद के राजकीय कोषागार से निकाल कर उनकी इन्वेंटरी बनायी जा रही थी उस समत तकालीन जिलाधिकारी फैजाबाद योगेश्वर राम मिश्रा ने बताया था कि गुमनामी बाबा के पिटारे में टोटल 176 आइटम में एक चश्मा मिला है, ये चश्मा गोल फ्रेम का है और ठीक वैसा ही है जैसा नेताजी पहनते थे पिटारे से एक रोलेक्स घड़ी मिली है ऐसी घड़ी नेताजी अपनी जेब में रखते थे.उन्होंने बताया कि कुछ लेटर मिले हैं, जो नेताजी की फैमिली मेंबर ने लिखे हैं. नेताजी पर लिखे कुछ न्यूज पेपर कटिंग मिली हैं, आजाद हिंद फौज की यूनिफॉर्म मिली है. सुभाष चंद्र बोस के मां-पिता और परिवार की तस्वीरें मिलीं हैं . तस्वीरों के बीच में कोलकाता में हर साल 23 जनवरी को मनाए जाने वाले नेताजी जन्मोत्सव की तस्वीरें भी शामिल थीं .
आजाद हिंद फौज की इंटेलिजेंस यूनिट के चीफ पवित्र मोहन रॉय के लिखे संदेशों ने किया दावे को पुख्ता

गुमनामी बाबा के संदूक से मिले सामानोंमें लीला रॉय की मौत पर हुए कंडोलेंस की तस्वीरें मिली थीं ,1974 में कोलकाता के डेली आनंद बाजार पत्रिका में 24 किस्तों में छपी खबर ‘ताइहोकू विमान दुर्घटना एक बनी हुई कहानी’ की कटिंग्स, जर्मन, जापानी और अंग्रेजी लिटरेटर की ढेरों किताबें, इंडो-चाइना वॉर की किताबें, जिनके पन्नों पर कमेंट लिखे गए हैं.नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मौत की जांच पर बने शाहनवाज और खोसला कमीशन की रिपोट, सैंकड़ों टेलीग्राम, जिन्हें गुमनामी बाबा उर्फ भगवानजी के नाम पर भेजा गया था. हाथ से बने हुए मैप, जिनमे उस जगह को दिखाया गया था, जहां कहा जाता है नेताजी का प्लेन कै्रश हुआ था,आजाद हिंद फौज की इंटेलिजेंस यूनिट के चीफ पवित्र मोहन रॉय के लिखे गए कॉन्ग्रैट्ज मैसेज,सहित कई अन्य ऐसे सामान थे जो गुमनामी बाबा के नेता जी होने के दावे को मज़बूत करते हैं ऐसे में एक बार फिर य सवाल खड़ा हो गया है कि क्या गुमनामी बाबा की नेता जी सुभाष चन्द्र बोस थे .

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