जांच के दौरान गुमनामी बाबा के संदूक से मिली थीं नेता जी के परिवार की तस्वीरें और घर के सदस्यों द्वारा लिखी गयीं चिठ्ठियाँ जिस समय गुमनामी बाबा के सामानों को फैजाबाद के राजकीय कोषागार से निकाल कर उनकी इन्वेंटरी बनायी जा रही थी उस समत तकालीन जिलाधिकारी फैजाबाद योगेश्वर राम मिश्रा ने बताया था कि गुमनामी बाबा के पिटारे में टोटल 176 आइटम में एक चश्मा मिला है, ये चश्मा गोल फ्रेम का है और ठीक वैसा ही है जैसा नेताजी पहनते थे पिटारे से एक रोलेक्स घड़ी मिली है ऐसी घड़ी नेताजी अपनी जेब में रखते थे.उन्होंने बताया कि कुछ लेटर मिले हैं, जो नेताजी की फैमिली मेंबर ने लिखे हैं. नेताजी पर लिखे कुछ न्यूज पेपर कटिंग मिली हैं, आजाद हिंद फौज की यूनिफॉर्म मिली है. सुभाष चंद्र बोस के मां-पिता और परिवार की तस्वीरें मिलीं हैं . तस्वीरों के बीच में कोलकाता में हर साल 23 जनवरी को मनाए जाने वाले नेताजी जन्मोत्सव की तस्वीरें भी शामिल थीं .
आजाद हिंद फौज की इंटेलिजेंस यूनिट के चीफ पवित्र मोहन रॉय के लिखे संदेशों ने किया दावे को पुख्ता गुमनामी बाबा के संदूक से मिले सामानोंमें लीला रॉय की मौत पर हुए कंडोलेंस की तस्वीरें मिली थीं ,1974 में कोलकाता के डेली आनंद बाजार पत्रिका में 24 किस्तों में छपी खबर ‘ताइहोकू विमान दुर्घटना एक बनी हुई कहानी’ की कटिंग्स, जर्मन, जापानी और अंग्रेजी लिटरेटर की ढेरों किताबें, इंडो-चाइना वॉर की किताबें, जिनके पन्नों पर कमेंट लिखे गए हैं.नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मौत की जांच पर बने शाहनवाज और खोसला कमीशन की रिपोट, सैंकड़ों टेलीग्राम, जिन्हें गुमनामी बाबा उर्फ भगवानजी के नाम पर भेजा गया था. हाथ से बने हुए मैप, जिनमे उस जगह को दिखाया गया था, जहां कहा जाता है नेताजी का प्लेन कै्रश हुआ था,आजाद हिंद फौज की इंटेलिजेंस यूनिट के चीफ पवित्र मोहन रॉय के लिखे गए कॉन्ग्रैट्ज मैसेज,सहित कई अन्य ऐसे सामान थे जो गुमनामी बाबा के नेता जी होने के दावे को मज़बूत करते हैं ऐसे में एक बार फिर य सवाल खड़ा हो गया है कि क्या गुमनामी बाबा की नेता जी सुभाष चन्द्र बोस थे .