Success Story: लोगों से एक ऑप्शनल विषय नहीं संभलता, कार्तिकेय ने 2 के साथ दी परीक्षा, जानिए राजस्थान के इस IPS की स्ट्रैटजी
UPSC Success Story: आज हम बात करेंगे 2023 बैच के राजस्थान कैडर के IPS कार्तिकेय की, जिन्होंने 2017 से यूपीएससी की तैयारी शुरू की और अपने पांचवे प्रयास में सफलता हासिल की। जानिए, उन्होंने तैयारी के लिए क्या टिप्स बताए-
UPSC Success Story: यूपीएससी सीएसई परीक्षा देश व दुनिया की कठिन परीक्षाओं में से एक है। कई युवा अपने पहले प्रयास में ही इसे क्रैक कर लेते हैं तो वहीं कुछ अभ्यर्थियों को कई अटेंप्ट्स लग जाते हैं। सबकी अपनी स्ट्रैटजी होती है। ऐसे में आज हम बात करेंगे 2023 बैच के राजस्थान कैडर के IPS कार्तिकेय की, जिन्होंने 2017 से यूपीएससी की तैयारी शुरू की और अपने पांचवे प्रयास में सफलता हासिल की। इस बीच कार्तिकेय ने हर बार प्रीलिम्स क्लियर कर लिया और दो बार तो इंटरव्यू तक भी पहुंचे।
आईआईटी रुड़की से की है पढ़ाई (IPS Kartik Verma Education)
राजस्थान के अलवर में जन्मे कार्तिकेय का पालन पोषण जयपुर में हुआ है। स्कूली पढ़ाई यहीं से हुई। इसके बाद उन्होंने IIT रुड़की से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और एमटेक किया। कार्तिकेय कॉलेज के दिनों से ही सोचा करते थे कि देश के लिए कुछ करना है। हालांकि, तब उनका विजिन इतना क्लियर नहीं था। लेकिन उन्हें अपने देश और समाज के लिए कुछ करना था।
कार्तिकेय वर्मा ने कैसे की थी यूपीएससी की तैयारी (IPS Kartik Verma Tips)
कार्तिकेय वर्मा यूपीएससी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए न सिर्फ प्रेरणा है बल्कि उनकी बातों और बताए गए टिप्स से आप सीख ले सकते हैं। आइए, जानते हैं उन्होंने यूपीएससी की तैयारी कैसे की।
प्रीलिम्स की तैयारी करते समय इन चीजों को रखें ध्यान
कार्तिकेय ने यूपीएससी की तैयारी (UPSC Preparation) 2017 में शुरू की थी। उन्होंने पहले घर बैठकर तैयारी करने का सोचा। लेकिन अपने ऑप्शनल विषय (UPSC Optional Subjects) के कारण दिल्ली स्थित ओल्ड राजेंद्र नगर आना हुआ। बता दें, कार्तिकेय के ऑप्शनल सब्जेक्ट्स में पॉलिटिकल साइंस और इंटरनेशल रिलेशन दोनों शामिल थे।
पांचवे अटेंप्ट में क्रैक किया यूपीएससी (Success story)
कार्तिकेय हर बार प्रीलिम्स क्लियर कर लेते थे। वहीं दो बार इंटरव्यू तक भी पहुंचे, पहला वर्ष 2020 में और दूसरा वर्ष 2022 में। वर्ष 2022 में कार्तिक वर्मा का सेलेक्शन हुआ। ये उनका पांचवा अटेंप्ट था। उन्होंने कहा कि प्रीलिम्स और मेन्स कॉन्टेंट के मामले में एक जैसा ही होता है, अलग होता इसे पढ़ने का तरीका। प्रीलिम्स में आपके सामने चार ऑप्शन दिए होते हैं और आपका आंसर उन्हीं में से एक है। वहीं मेन्स में अपने दिमाग से, अपनी नॉलेज मिलाकर एक आंसर बनाना होता है। मेन्स के लिए अच्छी समझ, राइटिंग प्रैक्टिस आदि पर ध्यान देना होता है।