ईयू के सदस्य देशों ने शुक्रवार को मतदान के समय कहा कि सऊदी अरब को काली सूची में डालने वाला प्रस्ताव पारदर्शी और विश्वसनीय नहीं है। टेरर फंडिंग में शामिल देशों की सूची छोटी है। ईसी की ओर से तैयार प्रस्ताव के मुताबिक उन देशों को काली सूची में डाला जा सकता जो ईयू को कंपनी के स्वामित्व, संदिग्ध लेन-देन और उपभोक्ता सेवाओं की जिम्मेदारियों के बारे में जरूरी जानकारी मुहैया नहीं कराएंगे। काली सूची में शमिल देशों पर आर्थिक प्रतिबंध न लगाकर यूरोपियन बैंकों से कहा जाएगा कि वो इन देशों व संगठनों के लेनदेन पर कड़ी नजर रखें।
मनी लॉन्डरिंग और टेरर फंडिंग को लेकर पहली बार यूरोपियन कमिशन ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के लिए अलग—अलग मानदंडों वाला प्रस्ताव पेश किया है। मतदान के लिए ईयू के सामने पेश प्रस्ताव में ईसी ने अमरीकन समोआ, यूएस वर्जिन आइलैंड, प्यूर्टो रिको और गुआम सहित 23 देशों का नाम शामिल किया है।