पत्र लिखकर पोस्टर हटाने की मांग
मीडिया ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थाई प्रतिनिधि और राजदूत फारुख अमील ने संयुक्त राष्ट्र के स्थाई प्रतिनिधि और राजदूत वेलेंटिन जेलवेगर को पत्र के माध्यम से कहा कि यह पोस्टर ग्रांड सैकोनेक्स के रूए डे फर्न के आसपास के क्षेत्र में दिखाई दिए हैं, जिसमें ‘बलूचिस्तान हाउस (बीएच) का प्रायोजक के रूप में उल्लेख किया गया है।’
पत्र में कहा गया, “जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र के पाकिस्तान के स्थाई मिशन ने तीन दिसंबर से अब तक आठ पोस्टर और एक डिजिटल पोस्टर की गणना की है।” राजदूत के अनुसार, डिजिटल पोस्टर के पास एक कार खड़ी रहती है और ऐसा लगता है कि उसकी निगरानी करती है।
पाक की संप्रभुता पर बताया हमला
अमील ने पत्र में कहा, “यह सोचने योग्य है कि शहर के स्थानीय अधिकारियों को इस पोस्टर के प्रदर्शन के लिए राजस्व भी प्राप्त हुआ है।” उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ‘फ्री बलूचिस्तान’ की अवधारणा पाकिस्तान की संप्रभुता और राष्ट्रीय अखंडता पर स्पष्ट हमला है।
आतंकी सगंठन को बताया पोस्टर का जिम्मेदार
पत्र के अनुसार, बीएच, जो बजाहिर इन पोस्टरों का प्रायोजक है, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) का एक सहयोगी है। यह पाकिस्तान और ब्रिटेन सहित कई अन्य देशों में आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध है।
दुबारे नहीं लगाने की मांग
राजदूत ने कहा, “आतंकवादियों और हिंसक अलगाववादियों द्वारा पाकिस्तान और उसके 20 करोड़ लोगों के खिलाफ जघन्य अपराधों के लिए स्विस भूमि का उपयोग बिल्कुल अस्वीकार्य है।” उन्होंने भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति को रोकने के लिए घटना की जांच की मांग की।
बलूचिस्तान के साथ है भारत
बता दें कि बलूचिस्तान की आजादी को लेकर भारत हमेशा बलूच के लोगों के साथ खड़ा रहता है। दुनिया के कई देश भी बलूचिस्तान को पाकिस्तान से आजाद करने की मांग कर चुके हैं। समय समय पर यूरोपियों देशों और पाकिस्तान में भी बलूचिस्तान की आजादी की मांग होती रहती है।