दरअसल, हुआ यूं कि जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान की टीम के बीच मुकाबला जारी था, उसी दौरान मैदान के उपर से आसमान में एक विमान ने उड़ान भरी। सबसे बड़ी बात यह थी कि विमान में बलूचिस्तान की आजादी का स्लोगन (नारा) लिखा बैनर लहरा रहा था। उसमें लिखा था ‘जस्टिस फॉर बलूचिस्तान’।
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इस घटना के बाद से अफगानिस्तान और पाकिस्तान के क्रिकेट समर्थकों में तनाव उत्पन्न हो गया। लीड्स के अधिकारियों ने माना कि जाहिर तौर पर यह एक अनाधिकृत विमान था जो स्टेडियम के ऊपर से उड़ान भरा और उसमें एक राजनीतिक संदेश लिखा हुआ था। लीड्स एयर ट्रैफिक अधिकारियों ने कहा कि हम इस पूरे मामले की जांच करेंगे।
बलूचिस्तान में पाकिस्तान की दमन नीति
अब तक यह माना जाता रहा है कि पाकिस्तान ने बलूचिस्तान में अवैध तौर पर कब्जा कर रखा है और वहां के लोगों पर अत्याचार करती है। अपने कब्जे में करने के लिए पाकिस्तान की आर्मी बलूच लोगों को परेशान करती है।
यही कारण है कि बलूचिस्तान के लोग आजादी की मांग करते आ रहे हैं। बलूचिस्तानियों का मानना है कि वे स्वतंत्र है और पाकिस्तान के कब्जे से बाहर आना चाहते हैं। लिहाजा समय-समय पर दुनिया के विभिन्न मंचों पर बलूचिस्तान की आजादी को लेकर मांग उठती रही है।
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पाकिस्तान इसको लेकर हमेशा से बेकफुट पर नजर आता है। माना जाता है कि पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान में मीडिया के प्रवेश पर पाबंदी लगा रखी है। कोई भी पत्रकार वहां जाकर रिपोर्टिंग नहीं कर सकता है। यहां तक की बलूचिस्तान में इंटरनेट सेवा भी सीमित है और लोगों की पहुंच से दूर है। इससे वहां की वास्तविक स्थिति का साफ-साफ पता नहीं चल पाता है।
बहरहाल, इंग्लैंड की धरती में बलूचिस्तान के लिए न्याय की मांग के मुद्दे ने पाकिस्तान की पोल फिर से एक बार खोल दी है।
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